नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के 2021 टी20 वर्ल्ड कप हीरो मैथ्यू वेड ने आखिरकार 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने तीनों फॉर्मेट मिलाकर 225 मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया। ऑस्ट्रेलिया के लिए 36 टेस्ट और 189 सीमित ओवरों के मैच खेलने वाले वेड ने पाकिस्तान के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है। वह तस्मानिया और होबार्ट हरिकेंस के साथ-साथ कुछ विदेशी लीगों के लिए व्हाइट-बॉल क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने 600 से ज्यादा मैच में 19 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।
अगले महीने पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली टी20 सीरीज में 36 वर्षीय वेड अहम भूमिका निभाएंगे। वह ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपिंग और फील्डिंग कोच होंगे। वेड ने 2021 में अपना अंतिम टेस्ट और वनडे खेला और खुले तौर पर स्वीकार किया कि उनका टी20 करियर उसी साल खत्म हो सकता था अगर यूएई में ऑस्ट्रेलिया को पहला टी20 विश्व कप खिताब दिलाने में उनकी प्रमुख भूमिका नहीं होती।
सेमीफाइनल में खेली शानदार पारी
विकेटकीपर-बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में यादगार पारी खेली थी। सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने 96 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे। उसे जीत के लिए 46 गेंद पर 81 रन चाहिए थे। मैथ्यू वेड ने शाहीन अफरीदी को लगातार 3 छक्के जड़े थे। उन्होंने 17 गेंद पर 41 रन ठोक दिए थे। इस पारी की बदौलत वह 2022 और 2024 टी20 वर्ल्ड कप खेले, लेकिन इस साल कैरेबियाई सरजमीं पर चैंपियन भारत के हाथों ऑस्ट्रेलिया की हार के बाद उनका करियर समाप्त हो गया।
लेवल थ्री कोचिंग का कोर्स पूरा किया
वेड ने हाल ही में अपना लेवल थ्री कोचिंग सर्टिफिकेट पूरा किया है। वह मुख्य कोच बनने की महत्वाकांक्षा रखते हैं। उन्होंने जोश इंगलिस को टी20 में विकेटकीपर बानने का समर्थन किया। वह उनके साथ पाकिस्तान सीरीज के दौरान काम करेंगे। तस्मानिया में जन्मे वेड किशोरावस्था में विक्टोरिया चले गए, जहां उनकी टिम पेन के साथ प्रतिस्पर्धा रही।
4 शेफील्ड शील्ड खिताब जीते
वेड ने विक्टोरिया के साथ चार शेफील्ड शील्ड खिताब जीते, जिनमें से दो में वे कप्तान थे। 2017 में वह एप्पल आइल वापस चले गए थे। उन्होंने 2011-12 की गर्मियों के दौरान अपना टी20 और वनडे डेब्यू किया। 2012 में बारबाडोस में उन्हें बैगी ग्रीन मिला, जब ब्रैड हैडिन व्यक्तिगत कारणों से दौरे से लौट गए। उन्होंने डोमिनिका में अपने तीसरे टेस्ट में अपना पहला शतक लगाया।