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Sunday, April 20, 2025

63वीं राज्य स्तरीय स्कूल फेंसिंग चैंपियनशिप- टूर्नामेंट में नियमों की अनदेखी

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल खेल एक बार फिर चर्चा में है। 63वीं राज्य स्तरीय स्कूल फेंसिंग चैंपियनशिप का आयोजन इन दिनों ग्वालियर में किया जा रहा है। इस चैंपियनशिप में नियमों को ताक पर रखकर आयोजन और चयन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ग्वालियर में फेंसिंग चैंपियनशिप का आयोजन मोरार स्थित खुले मैदान में टेंट लगाकर किया जा रहा है, जबकि फेंसिंग खेल इंडोर है। यहां न तो पिस्ट है और न ही अंक की गणना करने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन। मैन्यूअल तरीके से खेली जा रही इस चैंपियनशिप में पूरी तरह से नियमों की अवहेलना की गई है। आयोजन समिति और चयन समिति ने अपने मन से नियमों को बदल दिया है।

दो इवेंट में भाग लेने पर लगाई रोक

नियमानुसार एक खिलाड़ी दो इवेंट में भाग ले सकता है। लेकिन, यहां टीम में एक ही इवेंट खेलने दिया जा रहा है। विगत वर्षों में खिलाड़ी दो इवेंट में हिस्सा लेते रहे हैं। आयोजक एसजीएफआई के नियमों का हवाला दे रहे हैं, जबकि ऐसे नियम नहीं है।पदक जीतने वाली टीम को ही चुना जाएगा,आयोजकों ने टीम चयन के नियम भी मन मर्जी से तय कर दिए हैं। फेंसिंग में व्यक्तिगत वर्ग में पदक विजेताओं से ही टीम का चयन किया जाता है। लेकिन, यहां सीधे टीमों का चयन किया जा रहा है। इसका खामियाजा मध्यप्रदेश को नेशनल में कमजोर टीम के रूप में भुगतना पड़ेगा।

अभी खेलेंगे, चयन बाद में होगा

आयोजन समिति के उपाध्यक्ष रविंद्र गुर्जर का कहना है कि कोई नियम नहीं बदले गए हैं। पहले भी ऐसा ही होता रहा है। एक खिलाड़ी को दो व्यक्तिगत और टीम को एक इवेंट में खेलने दिया जा रहा है। चयन पर उन्होंने कहा कि चयन अभी नहीं किए जा रहे, बल्कि सभी संभागों के चयनकर्ताओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही चयन किए जाएंगे। मैदान में बिना उपकरणों के प्रतियोगिता का आयोजन करने का उनके पास कोई जवाब नहीं था। वहीं, चयन समिति के अध्यक्ष मनोज तोमर का फोन बंद होने के कारण उनसे कोई चर्चा नहीं हो पाई।

23-fencing-championship1 खाने में निकली इल्ली-ग्वालियर में खिलाडिय़ों को महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल और वाटिका शादी हाल में रुकवाया गया है। खिलाड़ी दो दिनों से यहां है, जबकि दूसरे दिन शाम को इवेंट की शुरुआत की गई है। इस बीच मंगलवार को एक खिलाड़ी के खाने में इल्ली निकल आई। इससे खाने की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। कई खिलाडिय़ों को नाश्ते और भोजन के लिए जेब से पैसा खर्च करना पड़ रहा है।

उठते सवाल
– ग्वालियर में जब सभी उपकरण उपलब्ध नहीं थे तो इस चैंपियनशिप की मेजबानी क्यों दी गई? – नियम और चयन प्रक्रिया बदलने से मध्यप्रदेश की टीम मजबूत कैसे होगी?
– क्या राज्य सरकार इस चैंपियनशिप के आयोजन पर एक्शन लेगी?

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