भारत ने साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलाकाता टेस्ट में हारते हुए मैच को जीत लिया था जिसमें वीवीएस लक्ष्मण ने 281 रनों की पारी खेली लक्ष्मण पहली बार में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ अच्छा खेले थे जिसके कारण गांगुली ने उन्हें चौथे की जगह तीसरे नंबर उतारा और मैच को पूरी तरह उलट दिया. लक्ष्मण के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी. भारत ने इस जीत से ऑस्ट्रेलिया के 16 मैचों से चला आ रहे जीत के सिलसिले को तोड़ा था. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी के दौरान कई ऐसे फैसले किए जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया. सिर्फ इतना ही नहीं महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह औऱ हरभजन सिंह जैसे हीरों को तराशने का श्रेय भी सौरव गांगुली को ही जाता है. गांगुली असल मायनों में एक लीडर थे जिनके सही फैसलों ने देश में क्रिकेट की सूरत बदल दी.
एक फैसले ने खत्म कर दिया ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ
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वीरेंद्र सहवाग से कराई ओपनिंग
वीरेंद्र सहवाग ने पूरी जिंदगी मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की थी. यहां तक की साउथ अफ्रीका के खिलाफ अफने डेब्यू के समय भी उन्होंने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा था. हालांकि गांगुली को लगा कि सहवाग से ओपनिंग कराके वह टीम को बेहतर संतुलन दे सकते हैं. उनका यह फैसला काफी हद तक सही साबित हुआ और सहवाग ने शानदार प्रदर्शन किया. 50 की औसत से उन्होंने रन बनाए जिसमें दो तिहरे शतक भी शामिल थे. सहवाग विदशों में भारत के सबसे सफल टेस्ट ओपनर में शामिल हो गए.
राहुल द्रविड़ को विकेटकीपिंग के लिए मनाया
सौरव गांगुली जब कप्तान बने तब भारत के अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाज की कमी से जूझ रहा था. गांगुली ने राहुल द्रविड़ को यह मौका दिया ताकी टीम संतुलित रहे. द्रविड़ ने बिना कुछ कहे बात मान ली. राहुल ने अच्छी कीपिंग के साथ-साथ टीम की मदद भी की उनकी वजह से एक अतिरिक्त बल्लेबाज टीम में खेल पाया. 2002 औऱ 2004 के बीच विकेटकीपर रहते हुए राहुल द्रविड़ ने अपने वनडे करियर की कुछ शानदार पारियां खेली.
धोनी को मौका देकर तीसरे नंबर पर कराई बल्लेबाजी
सौरव गांगुली ने ही सबसे पहले दिनेश कार्तिक की जगह महेंद्र सिंह धोनी को चुन कर उन्हें मौका दिया था. धोनी की बल्लेबाजी को लेकर शुरुआत में सवाल उठाए जा रहे थे. इस बीच गांगुली ने धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने को भेजा और पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए धोनी ने 148 रनों की पारी खेली थी और फिर बतौर कप्तान भी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाईं.