भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का चौथा और आखिरी मुकाबला ड्रॉ पर खत्म हुआ। इसके साथ ही टीम इंडिया ने यह सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। यह सीरीज जीतने के साथ ही भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। हालांकि, इसमें श्रीलंका की हार का भी अहम योगदान रहा। अब इंग्लैंड में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम एक बार फिर आमने-सामने होंगी।
ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से गंवाई सीरीज
ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी तैयारी और शानदार फॉर्म के साथ भारत दौरे पर आई थी। एक जनवरी 2022 के बाद से ऑस्ट्रेलिया ने 12 में से सात टेस्ट जीते थे। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका और पाकिस्तान को उनके घर में जाकर हराया था। वहीं, टीम इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका को अपने घर में मात दी थी। भारत आने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने बेंगलुरु की स्पिन पिच पर अश्विन के समान एक्शन वाले गेंदबाज महेश पिथिया के खिलाफ जमकर अभ्यास किया, लेकिन कुछ भी कंगारू टीम के काम नहीं आया।
नागपुर में पहला टेस्ट ही ऑस्ट्रेलियाई टीम पारी और 132 रन से हार गई। भारतीय कप्तान रोहित ने शानदार शतक लगाया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं लगा सका। दिल्ली में खेला गया दूसरा टेस्ट भारत ने छह विकेट से अपने नाम किया। इस मैच की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने बेहतरीन खेल दिखाया और पहली पारी में बढ़त भी ली, लेकिन दूसरी पारी में यह टीम लगभग एक सत्र में ही सिमट गई और भारत ने चार विकेट खोकर आसान लक्ष्य हासिल कर लिया।
सीरीज का तीसरा मैच इंदौर में खेला गया। यहां ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव स्मिथ की कप्तानी में शानदार खेल दिखाया। उस्मान ख्वाजा ने बल्ले और नाथन लियोन ने गेंद से कमाल किया। ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच नौ विकेट से जीता। 2017 के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार भारत में कोई टेस्ट मैच जीता। अहमदाबाद में सीरीज का आखिरी मुकाबला ड्रॉ रहा। सपाट पिच पर दोनों टीमें विकेट लेने के लिए संघर्ष करती रहीं और मैच का कोई नतीजा नहीं निकला। इसके साथ ही भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
पिछली छह सीरीज में भारत का रहा दबदबा
दोनों के बीच खेली गई पिछली छह टेस्ट सीरीज में से पांच सीरीज भारतीय टीम ने जीती है। ऑस्ट्रेलिया ने पिछली बार 2014/15 में टीम इंडिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके बाद 2017, 2018/19, 2020/21 और 2023 में भारत ने टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया। सिर्फ टीम इंडिया ही नहीं भारतीय खिलाड़ियों का भी इन सीरीज में जलवा रहा है। पिछली छह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में से चार बार भारतीय खिलाड़ियों ने प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीता है।
प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड में भारत का दबदबा
2013 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर (4 टेस्ट) रविचंद्रन अश्विन प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे। उन्होंने इस सीरीज में गेंद से कहर बरपाते हुए चार मैचों में 29 विकेट झटके थे। भारत ने यह सीरीज 4-0 से अपने नाम की थी। इसके बाद 2014/15 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। यह वही सीरीज है जिसमें महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। ऑस्ट्रेलिया ने इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत को 2-0 से हराया था। स्टीव स्मिथ को प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड दिया गया था। वह चार मैचों में 769 रन के साथ सीरीज के टॉप स्कोरर रहे थे।
पुजारा और जडेजा भी रहे प्लेयर ऑफ द सीरीज
2017 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी। चार टेस्ट की इस सीरीज को भारत ने 2-1 से अपने नाम किया था। रवींद्र जडेजा को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था। उन्होंने सीरीज में सबसे ज्यादा 25 विकेट लेने के अलावा 127 रन भी बनाए थे। 2018/19 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चेतेश्वर पुजारा प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे। इस दौरान सीरीज को टीम इंडिया ने 2-1 से अपने नाम किया था। पुजारा 521 रन के साथ सीरीज के टॉप स्कोरर रहे थे। इनमें तीन शतक शामिल हैं।
2020/21 में कमिंस बने थे प्लेयर ऑफ द सीरीज
2020/21 में भी भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। इस सीरीज का पहला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी की थी। भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। हालांकि, प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड आश्चर्यजनक रूप से तेज गेंदबाज पैट कमिंस को दिया गया था। कमिंस ने इस सीरीज में चार मैचों में सबसे ज्यादा 21 विकेट लिए थे।
अब अश्विन-जडेजा ने जीता प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब
साल 2023 में भारत में खेली गई टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को प्लेयर ऑफ दी सीरीज चुना गया है। रवींद्र जडेजा ने चार मैच की पांच पारियों में 27 के औसत से 135 रन बनाए। वहीं, गेंद के साथ उन्होंने 22 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान उन्होंने दो बार पांच विकेट झटके और एक बार पारी में चार विकेट लेने का कारनामा भी किया।
रविचंद्रन अश्विन इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने चार मैच में 25 विकेट झटके। अश्विन ने दो बार पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया। इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले सभी 15 खिलाड़ियों को अश्विन ने कम से कम एक बार जरूर आउट किया। वहीं, बल्ले के साथ उन्होंने चार मैच की पांच पारियों में 86 रन बनाए। उनका औसत 17.20 का रहा।