कैलगरी, तीन जुलाई (भाषा) स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन मंगलवार से यहां शुरू हो रहे कनाडा ओपन विश्व टूर सुपर 500 टूर्नामेंट में लय हासिल करने और मौजूदा ओलंपिक क्वालीफिकेशन चक्र में बहुमूल्य रैंकिंग अंक हासिल करने के इरादे से उतरेंगे।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू चोट के बाद वापसी करते हुए फॉर्म हासिल करने के लिए जूझ रही हैं।
दुनिया की दूसरे नंबर की पूर्व खिलाड़ी सिंधू की मौजूदा बीडब्ल्यूएफ महिला एकल रैंकिंग 12वीं है और उन्हें पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन चक्र (एक मई 2023 से 28 अप्रैल 2024) में उनक टूर्नामेंटों की भरपाई भी करनी है जिनमें वह चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाईं।
इस 27 वर्षीय खिलाड़ी को पिछले साल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान स्ट्रेस फ्रेक्चर हुआ था और वह अब भी पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए जूझ रही हैं।
वह फरवरी में दोहा में बैडमिंटन एशिया मिश्रित टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थी लेकिन इस साल कुछ विश्व टूर प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाईं।
इस साल उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अप्रैल में मैड्रिड मास्टर्स सुपर 300 टूर्नामेंट में रजत पदक जीतना रहा। इसके बाद वे दो टूर्नामेंट के पहले दौर में बाहर हो गईं जबकि एक में उन्हें दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा।
सिंधू के लिए यहां ड्रॉ तुलनात्मक रूप से आसान है। उन्हें पहले दौर में स्थानीय दावेदार तालिया एनजी से भिड़ना है।
सिंधू को क्वार्टर फाइनल में जापान की आठवीं वरीय नोजोमी ओकाहारा का सामना करना पड़ सकता है जिनके खिलाफ उन्होंने नौ जीत दर्ज की जबकि आठ में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
सिंधू को शीर्ष वरीय अकाने यामागुची के ड्रॉ में जगह मिली है।
जापान की यामागुची ने पिछले महीने सिंगापुर ओपन में सिंधू को हराया था लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ भारतीय खिलाड़ी की जीत हार का रिकॉर्ड 14-10 है।
राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन लक्ष्य सेन भी इस साल कुछ टूर्नामेंट के पहले दौर में हार के बाद शीर्ष 10 से बाहर हो गए हैं।
दुनिया के 19वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य चार टूर्नामेंट के पहले दौर से बाहर हो गए और इस साल उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जनवरी में इंडोनेशिया मास्टर्स के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना रहा।
लक्ष्य की पिछले साल अगस्त में विश्व चैंपियनशिप के बाद नाक की सर्जरी हुई थी और इसके बाद से वह फॉर्म हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद आठ महीने के दौरान उन्हें कई बार बीमारी और एलर्जी का सामना करना पड़ा।
लक्ष्य ने बीडब्ल्यूएफ से कहा, ‘‘उबरने की प्रक्रिया काफी अच्छी नहीं रही। जब भी मैं ट्रेनिंग करता था तो मैं चोटिल या बीमार हो जाता था। इसके बाद मुझे एक कदम पीछे हटना पड़ता क्योंकि पहले दो महीने में मुझे अंदाजा नहीं था कि यह इतना गंभीर होगा। मैंने अपने पैर की पोजीशन और ट्रेनिंग के भार को लेकर काफी बदलाव किए।’’
सिंधू के विपरीत लक्ष्य की राह आसान नहीं होगी। उन्हें पहले दौर में थाईलैंड के दूसरे वरीय कुनलावुत वितिदसार्न से भिड़ना होगा। थाईलैंड के इस खिलाड़ी ने पिछले साल तोक्यो में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और तीन बार का जूनियर विश्व चैंपियन भी है।
पुरुष युगल में भारतीय चुनौती की अगुआई कृष्ण प्रसाद गारगा और विष्णुवर्धन पंजाला करेंगे जो अपने अभियान की शुरुआत जूलियन माइयो और विलियम विलेगर की फ्रांस की जोड़ी के खिलाफ करेंगे।
भारतीय जोड़ी पिछले महीने ताइपे ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट के पहले दौर से बाहर हो गई थी।