16.1 C
New Delhi
Monday, November 25, 2024

पीएम बोले- खेल हमारी संस्कृति और जीवनपद्धति का हिस्सा है

मुंबई.

40 साल बाद भारत में हो रहे आईओसी के सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में ओलंपिक का सफल आयोजन हो। इसके लिए भारत अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स की भाषा और आत्मा दोनो सर्वव्यापी है। यह स्पर्धा नहीं बल्कि मानवता के विस्तार का अवसर देता है। स्पोर्ट्स सिर्फ मेडल जीतने का नहीं बल्कि दिलों को जीतने का माध्यम
है। रिकार्ड कोई भी तोड़े, पूरी दुनिया उसका स्वागत करती है। यह हमारे वसुधैव कुटुंबकम के भाव को भी सशक्त करता है।

पीएम ने कहा- भारत ने बीते वर्षो में ग्लोबल टूर्नामेंट आयोजित करने के अपने सामर्थ्य को साबित किया है। हमने हाल में चेस ओलिपियाड का आजोजन किया जिसमें 186 देश शामिल हुए। फुटबाल अंडर 17, वीमेंस वर्लड कप और शूटिंग वर्ल्ड कप की भी मेजबानी की। भारत दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में से भी एक का आयोजन करता है। इस समय भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप भी चल रहा है।

पीएम ने कहा- आईओसी के कार्यकारी मंडल ने क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने की सिफारिश की है। हमें जल्द ही अच्छी खबर सुनने को मिलेगा। मोदी ने कहा कि ग्लोबल इवेंट का आयोजन हमारे लिए दुनिया भर के देशों के स्वागत का मौका होता है। तेजी से बढ़ती इकोनामी और अपने बेहतर बुनियादी ढांचे के कारण बड़े ग्लोबल इवेंट के लिए भारत तैयार है। दुनिया ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान देखा है। ये हमारी आयोजन क्षमता का प्रमाण है। भारत में ओलंपिक का आयोजन 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षा है। इसको हम आपके सहयोग से पूरा करना चाहते हैं।

खेल हमारी संस्कृति और जीवनपद्धति का हिस्सा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल हमारी संस्कृति और जीवन पद्धति का एक हिस्सा रहा है। भारत के गांवों में बिना खल के हमारा हर त्योहार अधूरा है। हम भारतीय सिर्फ स्पोर्ट्स लवर नहीं बल्कि हम स्पोर्ट्स को जीने वाले लोग है। ये हजारो वर्षों के हमारे इतिहास में दिखता है। सिंधु घाटी की सभ्यता हो या हजारो वर्ष पहले का वैदिक काल हो। हर कालखंड में भारत का खेल बहुत समृद्ध रहा है। हमारे यहां हजारों साल पहले लिखे ग्रथों में 64 विधाओं में पारंगत होने की बात कही जाती है। इनमें से अनेक विधाएं खेलों से जुड़ी हुई थी। जैसे घुड़सवारी, धनुर्विद्या, रेसलिंग आदि स्किल्स को सीखने पर बल दिया जाता था। धनुर्विद्या को सीखने के लिए धनुर्वेद संहिता लिखी गई थी। इस संहिंता में एक जगह कहा गया है कि धनुर्विद्या से जुड़ी सात प्रकार की स्किल्स आनी चाहिए। जिसमें धुनष बाण, भाला, चक्र चलवारबाजी गदा और कुस्ती शामिल है। इसके अनेक वैज्ञानिक प्रमाण है।

भारत में 5000 साल पहले था विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम
मोदी ने कहा हमारे देश में मुंबई से 900 किमी दूर गुजरात के कच्छ में यूनेस्को की धौलावीरा विश्व हैरिटेज साईट है। धौलावीरा 5000 साल से भी पहले एक बड़ा और समृद्ध स्पोर्ट्स सिटी हुआ करता था। इस प्राचीन शहर में शहरी बुनियादी ढांचे के साथ इसकी स्पोर्ट्स का मॉडल मिला है। खुदाई में यहां दो स्टेडिया मिला है जिसमें से एक तो दुनिया का सबसे पुराना और उस वक्त का सबसे बड़ा स्टेडियम था। इस स्टेडियम में एक साथ 10,000 लोगों के बैठने की क्षमता थी। एक और प्राचीन स्थान राकी गढी मे स्पोर्ट्स से जुड़े ढांचे की पहचान की गई है। भारत की यह विरासत पूरे विश्व की विरासत है।

हर स्तर के खेल को बढ़ावा दे रही है सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार हर स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। खेलो इंडिया खेलो, इंडिया युनिवर्सिटी गेम्स आदि इसके उदाहरण है। हम भारत में खेलों के विकास के लिए लगातार फोकस कर रहे हैं। इसी फोकस के कारण आज भारत अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में शानदार प्रदर्शन कर रहा है। पिछले ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। हाल में सपन्न हुए एशियन गेम में भारत ने ऐतिहासिक परफार्मेंस दिया। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भी हमारे युवाओं ने नए रिकार्ड बनाए है। ये भारत में बदलते और तेजी से विकसित होते स्पोर्ट्स लैंड का संकेत है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

15,780FansLike
2,290FollowersFollow
5,445SubscribersSubscribe

Latest Articles