भोपाल. मप्र की राष्ट्रीय खेलों में शानदार एंट्री हुई है और उसके नाम अब पदक तालिका में दर्ज हो गया है। बता दें कि बैडमिंटन में दुनिया की 65वां स्थान प्राप्त मप्र के खिलाडी सौरभ वर्मा एक बार फिर कारनामा करने में सफल रहे हैं। सौरभ वर्मा ने अपने शुरुआती अभियान के सेमीफाइनल मुकाबले में महाराष्ट्र के हर्षिल दानी को 19-21, 21-14, 21-17 से हराकर रजत पदक पहले ही पक्का कर लिया था, लेकिन आज वे अपना फाइनल मुकाबला तेलंगाना के खिलाड़ी तरुन एन से १५-२१, २१-१६ ,१५-२१ के फासले से गवां बैठे।
बता दें कि 26 अक्टूबर से 9 नवंबर तक खेली जाने वाले इन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जायेगा। प्रतियोगिता में 45 खेलों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा पारंपरिक खेल लागोरी और गतका को अभी केवल डेमोंस्ट्रेशन के रूप में शामिल किया गया है। आयोजन के अंतर्गत खेलों के मुकाबले गोवा और दिल्ली में सम्पन्न कराए जाएंगे।
इससे पहले गुरुवार को बैडमिंटन टूर्नामेंट के साथ इन्हें शुरू कर दिया गया है। इस दौरान डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, खेल मंत्री गोविंद गौडे और अन्य की मौजूदगी में टूर्नामेंट के बैडमिंटन मुकाबलों से इसकी शुरुआत की गई थी।
मप्र का विशाल दल शामिल
मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय खेलों के 37वें संस्करण में अब तक का सबसे बड़ा दल इसमें सहभागिता कर रहा है। मध्यप्रदेश के करीब 411 खिलाड़ियों का दल गोवा में भाग लेगा। दल के साथ 90 और मप्र ओलंपिक एसोसिएशन के 7 आफीशियल्स शामिल हैं।
नए खेलों को जोड़ा
राष्ट्रीय खेल 2023 में इस बार कई नए खेलों की शुरुआत होगी, जिनमें बीच फुटबॉल, रोल बॉल, गोल्फ, सेपकटकरा, स्क्वे मार्शल आर्ट, कलियारापट्टू और पेेंचक सिलाट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, नौकायन और ताइक्वांडो पिछले संस्करण के दौरान अपने बहिष्कार के बाद वापसी कर रहे हैं। गोवा के अलग-अलग स्थानों पर उक्त प्रतियोगिताओं को सम्पन्न कराया जाएगा। हालाँकि, साइकिलिंग और गोल्फ नई दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे।
गुजरात में मप्र का प्रदर्शन
मप्र के खिलाड़ियों ने गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स के 36वें सस्करण में 66 पदक हासिल किए थे। इनमें 20 स्वर्ण, 25 रजत और 21 कांस्य पदक शामिल हैं। मप्र ने यहां कुल 9 खेलों में स्वर्णिम सफलता हासिल की। सर्वाधिक 4 स्वर्ण केनोइंग-कयांंकिंग में हासिल हुए। एक्वेटिक में 3, मल्लखंब 3, रोइंग 3 स्वर्ण के साथ बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 66 पदक अपने नाम किए थे। इस तरह मप्र का रेंकिंग टेबिल में 7 वां स्थान हासिल हुआ था।
सर्विसेज तालिका में सर्वश्रेष्ट
भारतीय सशस्त्र बलों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड पिछले साल 61 स्वर्ण सहित 128 पदकों के साथ गुजरात में राष्ट्रीय खेलों की चैंपियन बनी थी। महाराष्ट्र 140 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें 39 स्वर्ण पदक शामिल थे, जो हरियाणा के 38 स्वर्ण पदकों से थोड़ा आगे था, जिनकी कुल संख्या 116 थी।
गोवा को 2016 में मिली थी मेजबानी
बता दें कि यह पहली बार होगा जब गोवा राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेगा। हालांकि गोवा को 36वें संस्करण की मेजबानी का अधिकार दिया गया था, जो 2016 के लिए निर्धारित था। इसके बाद कई बार स्थगन के बाद अब गोवा इसकी मेजबानी कर रहा है। राष्ट्रीय खेलों के पिछले संस्करण की मेजबानी गुजरात द्वारा की गई थी। इस वर्ष के राष्ट्रीय खेलों में ओलंपिक और स्वदेशी खेलों सहित रिकॉर्ड संख्या में 43 खेल शामिल हैं, जबकि पिछले साल, 7,000 से अधिक एथलीटों ने 36 खेलों में भाग लिया था। नए खेलों के रूप में खो-खो, योगासन और मल्लखंब ने इन खेलों में पदार्पण किया था।
जानिए इतिहास
इंडियन ओलंपिक कहलाने वाले राष्ट्रीय खेलों का इतिहास काफी रोचक है। इनका प्रथम संस्करण 1924 में लाहौर में आयोजित किए गए थे तब भारत अविभाजित था। 1938 तक इस आयोजन को भारतीय ओलंपिक खेलों के रूप में पहचाना जाता था। राष्ट्रीय खेलों को महत्व जानना है तो जान लीजिए कि अंतरराष्ट्रीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, नीरज चोपड़ा, साजन प्रकाश, मीराबाई चानू और मनु भाकर जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लिया है।