नई दिल्ली: फ्रांस टीम के स्टार फुटबॉल खिलाड़ी पॉल पोग्बा को डोपिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद 29 फरवरी को चार साल के बैन की सजा सुनाई गई है। इटली की एंटी डोपिंग एजेंसी ने सितंबर 2023 में पोग्बा को डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाया था इसके बाद फ्रेंच प्लेयर खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाने की वजह से अब उन्हें इस बैन का सामना करना पड़ेगा। पोग्बा फ्रांस की टीम से खेलने के अलावा फुटबॉल क्लब युवेंटस के लिए भी मिडफील्डर के तौर पर खेलते हैं। इटली लीग में खेलने के दौरान पोग्बा को टेस्टोस्टेरोन के लिए पॉजिटीव पाया गया था। इसके बाद सितंबर में इटली के नेशनल डोपिंग एजेंसी ने उन्हें अस्थाई रूप से उन्हें निलंबित किया था।
सहनशक्ति बढ़ाने वाला हार्मोन पाया गया अधिक
पॉल पोग्बा की गिनती फुटबॉल जगत के बड़े खिलाड़ियों में की जाती है जो साल 2018 में हुए फीफा वर्ल्ड कप में फ्रांस की टीम को विजेता बनाने में अहम भूमिता निभा चुके हैं। पोग्बा के डोपिंग टेस्ट में उनकी सहनशक्ति को बढ़ाने वाले हार्मोन की मात्रा को अधिक पाया गया। उनका पहला परिक्षण अगस्त 2023 में किया गया था और इसके बाद अक्टूबर 2023 में दूसरी बार सैंपल लिया गया और वह भी पॉजिटिव पाया गया था। पोग्बा पर ये बैन तब से शुरू होता है जब पोग्बा को पहली बार पॉजिटिव पाया गया था। इसलिए फ्रांस इंटरनेशनल खिलाड़ी पर अगस्त 2027 तक बैन लगा दिया गया है। पोग् की अभी उम्र 31 साल है और बैन खत्म होने के समय उनकी उम्र 34 साल हो जाएगी ऐसे में उनके लिए फिर से फुटबॉल फील्ड में वापसी करना आसान काम नहीं होने वाला है।
चोट की वजह से नहीं खेल सके पिछला वर्ल्ड कप
साल 2022 में हुए फीफा वर्ल्ड कप में पॉल पोग्बा चोटिल होने की वजह से फ्रांस टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे। वहीं साल 2023 में घुटने की सर्जरी होने की वजह से भी वह काफी कम मुकाबलों में ही खेलते हुए दिखाई दिए थे। पोग्बा को साल 2022 में इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड से फ्री ट्रांसफर किए जाने के बाद वह इटली के क्लब युवेंटस का हिस्सा बने थे। पोग्बा ने अब तक 91 इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेले हैं और एक मिडफील्डर प्लेयर होने के बावजूद उनके नाम 11 गोल भी दर्ज हैं।