नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 का आगाज 22 मार्च को होना है. इस बार आईपीएल में दो ऐसे नियम आने वाले हैं, जिनसे अंपायर और गेंदबाजों को काफी राहत मिलने वाली है. साथ ही फैन्स के लिए रोमांचक मुकाबले भी देखने को मिल सकते हैं. इस बार आईपीएल में ओपनिंग मुकाबला महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच खेला जाएगा. RCB अब IPL में नए नाम और नई जर्सी के साथ उतरेगी. आरसीबी के कप्तान फाफ डु प्लेसिस हैं IPL 2024 में गेंदबाजों के लिए बाउंसर और अंपायर्स के लिए स्मार्ट रीव्यू सिस्टम नियम लागू किया जाएगा. यानी कि इस बार गेंदबाज और अंपायर दोनों को ही काफी मदद मिलने वाली है. आइए विस्तार से जानते हैं इन दोनों नियमों के बारे में
1. गेंदबाज अब एक ओवर में 2 बाउंसर डाल सकेंगे
IPL में अब गेंदबाजों को एक ओवर में दो बाउंसर डालने की अनुमति रहेगी. जबकि इंटरनेशनल क्रिकेट में एक ओवर में एक ही बाउंसर डालने का नियम है. मगर आईपीएल में इस बार बदलाव किया गया है. इससे पहले भारतीय घरेलू टी20 टूर्नामेंट, सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस नियम पर इस्तेमाल किया जा चुका है. इस नियम से मैच का रोमांच भी बढ़ेगा
2. अब IPL में आएगा स्मार्ट रीव्यू सिस्टम
इस बार आईपीएल में सबसे ज्यादा चर्चित नियम स्मार्ट रीव्यू सिस्टम लागू होगा. यह काफी सुर्खियों में भी है. इस नियम से अंपायर्स को काफी सहूलियत होने वाली है. ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, अब से टीवी अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर्स एक ही कमरे में बैठेंगे. इससे फैसला देने में टीवी अंपायर्स को काफी मदद मिलेगी. दरअसल, अब तक ऐसा होता आता रहा है कि टीवी अंपायर और हॉक-आई के बीच टीवी ब्रॉडकास्ट डॉयरेक्टर काफी अहम होता था. टीवी अंपायर को कोई फैसला देने के लिए सारे फुटेज ब्रॉडकास्ट डॉयरेक्टर ही हॉक-आई से लेकर उपलब्ध कराता था. मगर अब टीवी ब्रॉडकास्ट डॉयरेक्टर का रोल खत्म हो जाएगा.
एक साथ बैठेंगे टीवी अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर्स
अब से टीवी अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर्स एक ही कमरे में बैठेंगे. इस तरह स्मार्ट रिप्ले सिस्टम के तहत अब टीवी अंपायर को हॉक-आई ऑपरेटर्स से सीधे जानकारी मिलेगी. अंपायर को हॉक-आई के आठ हाई स्पीड कैमरों से ली गई फोटो मिलेगी, जिससे फैसला देने में आसानी होगी. साथ ही नए नियम से टीवी अंपायर के पास अधिक विजुअल देखने की सहूलियत होगी, लेकिन पहले ऐसा नहीं हो पाता था आप इस नियम को इस तरह समझ सकते हैं जैसे- यदि किसी फील्डर ने बाउंड्री पर कैच पकड़ा है, तो उस स्थिति में पहले टीवी ब्रॉडकास्टर फील्डर के हाथ और पैर दोनों को एक साथ स्प्लिट स्क्रीन पर नहीं दिखा पाते थे
मगर अब नए सिस्टम के तहत अंपायर के पास एक ही स्प्लिट स्क्रीन पर गेंद पकड़े जाने, छोड़े जाने के साथ ही पैरों की फुटेज भी मौजूज रहेगी. इससे सही और जल्दी फैसला देने में आसानी होगी. इस नियम को दूसरे उदाहरण से इस तरह समझ सकते हैं, जैसे- जब कोई ओवरथ्रो होता है और वो चौके के लिए जाता है, तब उस स्थिति में अंपायर एक ही स्प्लिट स्क्रीन में देख सकते हैं कि जब फील्डर ने गेंद को रिलीज किया था, तब दोनों बल्लेबाजों ने छोर बदले थे या नहीं. 2019 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान ऐसा ही एक मामला देखने को मिला था, जो काफी विवादित रहा था