नई दिल्ली: टी20 विश्व कप 2024 में नेट रन रेट निर्णायक साबित हो सकता है। ग्रुप ए में पाकिस्तान टीम ने 3 में से 1 मैच जीता है। दूसरी ओर अमेरिका ने 3 में से 2 मैच में जीत दर्ज की है और उनके 4 अंक हैं। अगर पाकिस्तान टीम ग्रुप स्टेज के अपने आखिरी मैच में आयरलैंड को हरा देती है, दूसरी ओर अमेरिका आयरलैंड से हार जाती है तो बाबर आजम की टीम और मेजबान USA के 4-4 अंक होंगे। इस कंडीशन में बेहतर नेट रन रेट वाली टीम सुपर 8 में जगह बनाएगी। तो यह नेट रन रेट कैसे कैलकुलेट किया जाता है, आइए जानते हैं।
नेट रन रेट की शुरुआत साल 1992 में हुई थी। किसी मैच में किसी टीम द्वारा प्रति ओवर बनाए गए रनों की औसत संख्या से उस टीम द्वारा प्रति ओवर दिए गए रनों की संख्या को माइनस कर नेट रन रेट निकाला जाता है। मुकाबले में टीम के रन रेट को विरोधी टीम के रन रेट से घटाकर किसी एक टीम का नेट रन रेट कैलकुलेट किया जाता है। उदाहरण के लिए मैच में भारतीय टीम ने 20 ओवर में 200 रन बनाए और पाकिस्तान टीम 20 ओवर में 180 रन ही बना सकी। तो इस मैच में भारतीय टीम का नेट रन रेट- 200/20 (10) – 180/20 (9) = +1 होगा। साथ ही पाक टीम का नेट रन रेट -1 होगा।
अगर कोई टीम तय ओवर से पहले सिमट जाती है तो नेट रन रेट कैलकुलेट करते समय यह माना जाता है कि टीम ने पूरे ओवर खेल लिए हैं। अगर बारिश या किसी अन्य वजह से मैच में डकवर्थ लुईस मैथड का इस्तेमाल होता है और विपक्षी टीम का टारगेट और ओवर कम किए जाते हैं। इस कंडीशन में अगर विपक्षी टीम को 11 ओवर में 88 रन का टारगेट मिला है तो यह माना जाता है कि पहली टीम ने 11 ओवर में 87 रन बनाए होंगे। इसी आधार पर नेट रन नेट की कैलकुलेशन होती है।
उदाहरण के लिए भारत ने दक्षिण पाकिस्तान के खिलाफ 19.3 ओवर में 180/7 रन बनाए। इसके बाद मैच पूरा नहीं हो पाया। DLS मैथड से पाक टीम को 15 ओवर में 152 रन का टारगेट दिया गया। ऐसे में नेट रन रेट कैलकुलेट करते समय माना जाएगा कि टीम इंडिया ने 15 ओवर में 151 रन बनाए होंगे।
अगर कोई टीम निर्धारित ओवर पूरे नहीं खेल पाती है तब खेली गई गेंदों को 6 से डिवाइड किया जाता है। उदाहरण के लिए कोई टीम 18.2 ओवर ही खेलती है तो उस टीम के स्कोर को 18.2 से डिवाइड नहीं किया जाएगा। क्योंकि क्रिकेट में 1 ओवर में 6 ही गेंद होती हैं। ऐसे में यह टीम द्वारा 18 और 1/3 ओवर या फिर 18.33 ओवर खेलने के बराबर माना जाता है।