नई दिल्ली: भारत साल 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के मैनिफेस्टो में ओलंपिक 2036 की मेजबानी को जगह दी थी। अब जब एनडीए सरकार में है तो मेजबानी के लिए दावेदारी को पुख्ता करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। भारत मेजबानी के लिए अपने प्रस्ताव में में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता। अगर भारत को मेजबानी मिलती है को फैंस को ओलंपिक में पहली बार योग को देखने का मौका मिल सकता है।
खेल मंत्रालय के मिशन ओलंपिक सेल छह स्पोर्ट्स को इन खेलों में शामिल करने के लिए अपील करेगा। योग के अलावा टी20 क्रिकेट, कबड्डी, शतरंज, स्क्वाश और खो-खो भी शामिल है। मिशन ओलंपिक सेल में देश के पूर्व खिलाड़ी, फेडरेशंस के आधिकारी और खेल मंत्रालय और साई के अधिकारी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के नियमों के मुताबिक आयोजकों की समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह कुछ खेलों को ओलंपिक में शामिल करने का प्रस्ताव रख सकते हैं। टोक्यो ओलंपिक खेलों में कराटे को शामिल किया था वहीं लॉस एंजेलेस में क्रिकेट शामिल हुआ। प्रस्ताव रखने के बाद आईओसी अपने तय मानकों की तर्ज पर फैसला करती है कि उस खेल को शामिल किया जाना चाहिए या नहीं।
पिछले साल मिशन ओलंपिक सेल की बैठक में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक घोषणा की थी कि वह 2036 के ओलंपिक के लिए बिड करेंगे। इस के दो महीने बाद योग को शामिल करने पर चर्चा की गई। भारत पूरी जी-जान से तैयारियों में लगा हुआ है। भारतीय ओलंपिक संघ आईओसी से बात कर चुका है लेकिन इसका फैसला दो साल बाद होगा। भारत अगले महीने में पेरिस में होने वाले ओलंपिक के दौरान वहां ‘इंडिया हाउस’ बनाने वाला है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2036 ओलंपिक के लिए छह पेज की समरी बनाई गई है जिसमें बताया गया है कि दावेदारी पेश करते हुए किन चीजों पर ध्यान दिया जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक यौन शोषण और पोस्को को लेकर जागरुकता फैलाना, डोपिंग की रोकथाम, फेडरेशंस को और जिम्मेदारी बनाना, जमीनी स्तर पर काम करना, अच्छे कोच और रेफरी तैयार करने के अलावा इंफ्रास्टक्चर पर जोर दिया गया है।