नई दिल्ली: भारतीय टीम का एक ऐसा पूर्व स्पिनर, जिसने अपनी स्पिन गेंदबाजी से बड़े-बड़े बल्लेबाजों में अपना खौफ पैदा किया। जिनके आगे ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के बैटर भी बल्लेबाजी करने से कांपते दिखे, जिन्होंने विदेश में जाकर अपनी प्रतिभा दिखाई और वह हमेशा ही अपने कप्तान की हर उम्मीद पर खरा उतरा। हम किसी और कि नहीं, बल्कि भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह
(Harbhajan Singh Birthday) की ही बात कर रहे हैं, जो भारत के लिए अहम मैचों में बड़े हथियार साबित हुए। आज ‘भज्जी’ अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत के तीनों फॉर्मेट से संन्यास लिए उन्हें समय भले ही हो गया हो, लेकिन इतिहास के सुनहरे पन्नों में उनका नाम हमेशा के लिए दर्ज हैं। हरभजन ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार भारत के लिए हैट्रिक लेने का कारनामा किया था। ऐसे में आज उनके इस खास दिन पर हरभजन के उस मैच की कहानी आपको याद दिलाते हैं, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भज्जी ने हैट्रिक लेकर इतिहास रचा था।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh Birthday) आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। 3 जुलाई 1980 को पंजाब के जालंधर में जन्मे ‘भज्जी’ तेज गेंदबाज बनने के इरादे से क्रिकेट के मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें खुद नहीं पता चला कि वह कब स्पिनर बन गए। काफी लंबे समय तक टीम से अंदर-बाहर रहने वाले भज्जी ने साल 2022 में संन्यास लिया और फिर उन्होंने राजनीती में कदम रखा। आम आदमी पार्टी की टिकट पर हरभजन सिंह राज्यसभा सांसद बने। इसके अलावा हरभजन सिंह कमेंट्री करने लगे और उन्हें अक्सर मैच की कमेंट्री करते हुए देखा जाता है। इससे ये पता चलता है कि उनका इस खेल से कितना लगाव है।
‘टर्बनेटर’ ने वैसे तो दुनिया की हर टीम के खिलाफ सफलता के झंड़े गाड़े हैं, लेकिन उनका ऑस्ट्रेलियाई टीम से प्रेम ‘गहरा’ था। कंगारुओं के खिलाफ तीन गेंदों में तीन विकेट लेकर भारत के लिए टेस्ट हैट्रिक लेने वाले वे पहले क्रिकेटर बने थे। यह बात साल 2001 टेस्ट मैच की है, जब भारत का सामना ऑस्ट्रेलियाई टीम से हो रहा था। उस वक्त तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच खेला जा रहा था। कोलकाता के ईडन गार्डंस में हरभजन सिंह 20 साल के थे। इस मैच में कंगारू कप्तान स्टीव वॉ ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया था। एक वक्त टीम का स्कोर 4 विकेट खोकर 252 रन रहा। तभी हरभजन सिंह ने चमत्कारिक ओवर डाला और उस ओवर से पूरा मैच का रुख पलट गया।
इस मैच में भारतीय टीम ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिसका अहम कारण फॉलोऑन खेलने उतरी भारतीय टीम की तरफ से वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के बीच हुए ऐतिहासिक साझेदारी रही, लेकिन इसकी बुनियाद हरभजन ने रखी थी। भज्जी ने कंगारू टीम के तीन बैटर में रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को अपना शिकार बनाया था। पहली पारी में भज्जी ने 123 रन देकर सात विकेट लिए थे। वहीं, दूसरी पारी में उन्होंने 73 रन देकर 6 विकेट लिए। उनके इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने फॉलोऑन खेलने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को 171 रन से धूल चटाई। वहीं, इस सीरीज के तीसरे मैच में भी भज्जी ने 15 विकेट अपने नाम किए और ये मैच भी भारत दो विकेट जीत लिया था।