नई दिल्ली : न्यूयार्क में टी-20 विश्व कप कराने को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का उतावलापन उस पर भारी पड़ गया है। न्यूयार्क की नसाऊ काउंटी में भारत-पाकिस्तान सहित आठ मैच कराने को लेकर आईसीसी ने करोड़ों खर्च करके आइजनहवर पार्क में एक अस्थायी स्टेडियम और केंटीगे पार्क में अभ्यास की अस्थायी सुविधाएं बनाईं। चूंकि अमेरिकी क्रिकेट संघ को आइसीसी ने निलंबित कर रखा था तो ये सारा काम आईसीसी ने अमेरिका में एक कंपनी बनाकर खुद किया।
आईसीसी के बोर्ड सदस्यों को ये भरोसा दिलाया गया था कि महंगे दामों पर टिकट बेचकर घाटे को पूरा कर लिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बीसीसीआई के कई बोर्ड सदस्य इससे नाराज हैं और 19 से 22 जुलाई तक श्रीलंका में होने वाली आईसीसी वार्षिक कान्फ्रेंस में यह मुद्दा उठ सकता है। इसको लेकर आईसीसी के कुछ अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग भी की जा सकती है।
आईसीसी के बोर्ड सदस्य ने कहा कि टी-20 विश्व कप के न्यूयार्क चरण से ही क्रिकेट की वैश्विक संस्था को 20 मिलियन डालर (करीब 167 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। न्यूयार्क में सभी निर्माण कार्य सहित मैचों का आयोजन कराने के लिए लगभग 30 मिलियन डालर (करीब 250 करोड़ रुपये) का बजट रखा गया था जो बढ़कर 35 मिलियन डालर (करीब 292 करोड़ रुपये) हो गया। इन कामों को देख रहे कुछ अधिकारियों ने कहा था कि न्यूयार्क में महंगे टिकट बिकेंगे, खासतौर पर भारत-पाकिस्तान के मैच से आईसीसी को इतनी कमाई होगी कि चीजें ठीक हो जाएंगी लेकिन टिकट बिक्री में भी काफी गड़बड़ हुई जिससे घाटा बढ़ गया।
आईसीसी ने बैलेट से कुछ टिकट पहले प्रशंसकों को दीं और फिर भारत-पाकिस्तान मैच की टिकट को सोल्ड आउट दिखाया गया। बाद में फिर टिकट कम दाम में मार्केट में डाली गईं। ऐसे व्यक्ति को न्यूयार्क में टिकट के काम की जिम्मेदारी दी गई जिसे पहले इसका अनुभव ही नहीं था। यही नहीं इस विश्व कप के अमेरिका में संचालन के लिए टी-20 विश्व कप यूएसए के नाम से बनाई गई कंपनी में एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया गया जिसे कुछ साल पहले आईसीसी से निकाला गया था।
बोर्ड सदस्य ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किसकी गलती से आईसीसी को नुकसान हुआ है। इस नुकसान का आईसीसी से बोर्ड सदस्य के तौर पर जुड़े देशों को होगा क्योंकि इससे उनको मिलने वाली राशि में कमी आएगी। खासतौर पर छोटे देशों को जिनको पांच से 10 करोड़ रुपये क्रिकेट संचालन के लिए दिए जाते हैं, उनको फर्क पड़ेगा। मालूम हो कि आईसीसी की कान्फ्रेंस के दौरान 20 जुलाई को चीफ एक्जक्यूटिव कमेटी की बैठक होगी। इसके एक दिन बाद आईसीसी की फाइनेंस और कमर्शियल अफेयर कमेटी की बैठक है। 22 जुलाई को आईसीसी और आईबीसी बोर्ड की बैठक है, जिसके बाद उसी दिन वार्षिक आम सभा (एजीएम) होगी।
इन आरोपों को लेकर आईसीसी को ईमेल करके दैनिक जागरण ने जवाब मांगे थे। आईसीसी की एक शीर्ष अधिकारी ने 29 जून को जवाबी ईमेल में लिखा था कि हम आईसीसी के वाणिज्यिक मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करते। उन्होंने घाटे की बात को गलत बताते हुए कहा कि हम लक्ष्य से कुछ ज्यादा प्राप्त करने के रास्ते पर हैं। उन्होंने उस व्यक्ति के बारे में कहा कि उसे नौकरी से हटाया नहीं गया था बल्कि वह इस्तीफा देकर गया था। वहीं एक राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि आईसीसी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ नहीं कह सकता लेकिन आईसीसी की बैठक में इस मामले को जरूर उठाया जाएगा। इसके अलावा और भी कई मसले हैं जिनको आईसीसी की बैठक में उठाया जाएगा।