नई दिल्ली: खेलों के महाकुंभ की शुरुआत में कुछ ही दिन का समय बचा है। भारतीय एथलीट्स बीते तीन सालों से पेरिस ओलंपिक की तैयारी में लगे हैं। भारत के 100 से ज्यादा एथलीट्स खेलों के सबसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो कि पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे वहीं कुछ ऐसे नाम भी हैं जो कि पिछले ओलंपिक की निराशा को मेडल में बदलना चाहेंगे।
विनेश फोगाट
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट का यह तीसरा ओलंपिक है। साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक के दौरान वह चोटिल हो गई थी। टोक्यो ओलंपिक में वह वर्ल्ड नंबर वन के तौर पर उतरी थीं। हालांकि वह क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गई थी। इस साल वह वह 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उतरने वाली हैं। बीते एक साल में विनेश काफी सुर्खियों में रही हैं। उन्होंने इसी साल सर्जरी के बाद वापसी की है और वह इस बार मेडल की खोज पूरी करना चाहेगी।
मनु भाकर
भारतीय युवा पिस्टल शूटर मनु भाकर टोक्यो में मेडल की बड़ी दावेदार थीं। वह तीन अलग-अलग इवेंट्स में उतरी थीं। हालांकि वह किसी भी इवेंट के फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई थी। इवेंट के दौरान उनकी पिस्टल में भी दिक्कत आई थी। मनु ने इस बार भी 10 मीटर एयर पिस्टल, 25 मीटर एयर पिस्टल और मिक्सड टीम इवेंट के लिए क्वालिफाई किया है। भारत को पिछले दो ओलंपिक में शूटिंग में एक भी मेडल हासिल नहीं हुआ है। इस बार वह मेडल का इंतजार खत्म करना चाहेगी।
अमित पंघाल
भारतीय बॉक्सर अमित पंघाल जब टोक्यो ओलंपिक में उतरे थे तो एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट थे। वर्ल्ड नंबर वन होने के नाते उनसे काफी उम्मीदें थीं। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। वह मेडल जीतने में नाकामयाब रहे। उन्हें रियो ओलंपिक के मेडलिस्ट से हार मिली। अमित पंघाल एशियन गेम्स नहीं खेले थे जिसके बाद लोगों को लगने लगा था अब पंघाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। लेकिन उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया और सबको गलत साबित किया। वह इस बार मेडल जीतकर सभी आलोचकों का मुंह बंद करना चाहेंगे।
सात्विक-चिराग
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की डबल्स जोड़ी का यह दूसरा ओलंपिक है। यह दोनों टोक्यो ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक से पहले उन्होंने 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था। टोक्यो ओलंपिक के समय इस जोड़ी को ज्यादा अनुभव नहीं था। वह ग्रुप राउंड से ही बार हो गए थे। हालांकि इस बार स्थिति अलग है। सात्विक साईराज बीते दो सालों में कॉमनवेल्थ चैंपियन, एशियन चैंपियन और वर्ल्ड नंबर वन बन चुके हैं। उन्होंने बीडब्ल्यूएफ के सभी टूर टूर्नामेंट जीते हैं। वह पेरिस में देश के लिए ओलंपिक मेडल के बड़े दावेदार हैं।