नई दिल्ली: कुछ दिन बाद पेरिस में दुनिया भर के एथलीट्स का जमावड़ा लगेगा। 206 देशों के 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ी पेरिस पहुंचने वाले हैं। पूरी दुनिया की नजर पेरिस पर होगी। फ्रांस बीते एक दशक से इन खेलों की तैयारी में लगा हुआ है। इसके लिए उन्होंने पेरिस शहर के शरणार्थियों को बाहर करना भी शुरू कर दिया। इसे लेकर फ्रांस सरकार कुछ कहने को भी तैयार नहीं है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार पेरिस में मौजूद बेघर शरणार्थियों को बस में बैठाकर शहर से बाहर भेज रही है। इन शरणार्थियों को दूसरी जगह घर देने का वादा किया गया था लेकिन कई लोगों के साथ ऐसा हुआ नहीं है। खेलों के लिए जो ओलंपिक विलेज बनाया गया वह उसी जगह बना है जहां पेरिस के गरीब शरणार्थी रहते हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने वादा किया है कि खेलों में देश की भव्यता का प्रदर्शन किया जाएगा। ओलंपिक विलेज पेरिस के सबसे गरीब उपनगरों में से एक सीन-सेंट-डेनिस में बनाया गया है। यहां रह रहे लोगों को बस में बैठाकर शहर से बाहर भेजा जा रहा है। पिछले एक साल में पुलिस और कोर्ट ने 5000 लोगों को पेरिस से बाहर भेजा है। उन्हें बस का टिकट थमाकर बिना कोई और जानकारी दिए छोड़ दिया जा रहा है। मोहम्मद चांद नाम के शख्स ने बताया, ‘ओलंपिक विलेज बनाए जाने के कारण हमें वहां से हटाया गया। पहले हमें साउथ पेरिस की एक खाली बिल्डिंग में रखा गया।
अप्रैल में पुलिस ने उन्हें वहां से ओरलियांस भेज दिया। सरकार की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया है। इससे पहले पेरिस के लोगों ने सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाया है जिसमें वो एफिल टॉवर के पास से बहने वाली सीन नदी में शौच करने की बात कर रहे हैं। पेरिस के निवासी सरकार के फैसले से नाराज हैं। उनके मुताबिक नदी को साफ करने के लिए काफी पैसा बहाया गया लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। इसी कारण देश के बाकी सामाजिक मुद्दों को नजरंदाज कर दिया गया।