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Sunday, April 20, 2025

Explained: क्यों नहीं चुने गए सूर्यकुमार यादव, रियान पराग को क्यों मिला मौका?

नई दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ 27 जुलाई से शुरू होने वाले सीमित ओवरों के दौरे को लेकर उम्मीद थी कि युवा खिलाड़ियों को दौरे पर भेजा जाएगा। बीते कुछ समय में यह ट्रेंड रहा है। सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जाता था और नए नामों को मौका मिला था। नए मुख्य कोच गौतम गंभीर के आने के बाद भारतीय टीम ने भविष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए भूमिका के हिसाब से टीम चुनी है। हार्दिक पांड्या से पहले सूर्यकुमार यादव को टी20 टीम की कमान सौंपने के अलावा अजीत अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति ने कई खिलाड़ियों को शामिल किया।

कई खिलाड़ियों को बाहर किया, जिससे यह पता चलता है कि अगले तीन सालों में टीम किस दिशा में जाएगी। अब सूर्यकुमार यादव को टी20 टीम का कप्तान बनाया गया तो वनडे टीम में उनको चुना नहीं गया। राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर रियान पराग डार्क हॉर्स साबित हुए। उन्हें टी20 और वनडे दोनों टीमों में चुना गया। आइए जानते आखिर क्यों सूर्यकुमार यादव वनडे में नहीं चुने गए और रियान पराग का दोनों में चयन हुआ।

वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भारत का केवल एक बल्लेबाज संघर्ष करता दिखा था। वह सूर्यकुमार यादव थे। प्रारूप में 37 मैचों में उनका औसत सिर्फ 25.76 है। वनडे में पारी को गति देने की उनकी क्षमता चिंता का बड़ा कारण है। पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले सिर्फ 6 वनडे मैच बचे होने के कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया है। अब वे अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, खासकर उन खिलाड़ियों पर जो गेंदबाजी कर सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें गहराई मिलेगी।

गंभीर पिछले कुछ समय से रो क्लियरिटी पर जोर दे रहे हैं। कोच ही नहीं कमेंटेटर के तौर पर भी। यह एक ऐसा पहलू है जिस पर मौजूदा चयनकर्ताओं ने कोई समझौता नहीं किया है। टी20 विश्व कप टीम के चयन में भी ऐसा दिखा। इसको ध्यान में रखते हुए रियान पराग को टीम में शामिल किया गया। वह घरेलू क्रिकेट में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने के आदी हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में, पराग पिछले कुछ सत्रों में शानदार प्रदर्शन किया हैं। उन्होंने अपने खेल में बदलाव किए बिना अपनी पारी को गति देने की अपनी क्षमता दिखाई है।

चाहे पारी को मोमेंटम देना हो या शुरुआती विकेटों के नुकसान की भरपाई करना हो पराग इस भूमिका के आदी हैं। भारतीय टीम का मानना ​​है कि उन्हें निचले क्रम के स्लॉट के लिए तैयार किया जाना चाहिए। इसका एक कारण यह भी है कि वह गेंद से भी योगदान दे सकते हैं। पराग नंबर -5 पर खेलते दिख सकते हैं।

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