नई दिल्ली: फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसियों ने पेरिस ओलंपिक 2024 के एक्रेडटेशन (Accreditation) के लिए 4,000 से अधिक आवेदनों को खारिज कर दिया है। इसके पीछे जासूसी और साइबर हमला होने की चिंताएं हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स ने फ्रांस के कार्यवाहक गृह मंत्री गेराल्ड डार्मैनिन के हवाले से यह जानकारी दी।
रायटर्स ने यह भी जानकारी दी कि पेरिस में सीन के किनारे स्थित कैफे आमतौर पर गर्मियों में चहल-पहल से भरे रहते हैं, लेकिन ओलंपिक से पहले प्रतिबंधों ने शहर के केंद्र में आवाजाही सीमित कर दी है, जिससे रेस्तरां खाली हैं। पुलिस ने नदी के किनारे एक सुरक्षा क्षेत्र बनाया है। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए प्राधिकरण – क्यूआर कोड वाले पास की आवश्यकता है। अगले शुक्रवार यानी 26 जुलाई 2024 को सीन नदी पर पेरिस ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें हजारों एथलीट और कलाकार शामिल होंगे।
फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा है कि समारोह में आतंकी हमले का खतरा नहीं है, लेकिन इसने अभूतपूर्व सुरक्षा चुनौती पैदा कर दी है। गेराल्ड डार्मैनिन ने कहा कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने 26 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए अब तक करीब दस लाख एक्रेडटेशन आवेदनों की जांच की और 4,340 लोगों के आवेदन खारिज कर दिये। इनमें से कुछ आवेदन इस्लामिक चरमपंथी कनेक्शन और विदेशी जासूस होने के शक के कारण खारिज किए गए हैं।
गेराल्ड डार्मेनिन ने बताया कि करीब सौ लोगों के आवेदन जासूसी या इस वजह से खारिज किए गए, क्योंकि वे खुद को किसी दूसरे पेशे का बताकर एक्रेडटेशन पाना चाह रहे थे। गेराल्ड डार्मैनिन ने साप्ताहिक जर्नल डु डिमांचे को बताया, वे शायद आंतकी हमला करने के लिए पेरिस में नहीं घुसना चाह रहे थे, लेकिन ये लोग जासूसी करने के अलावा साइबर हमला करने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क का एंट्री पॉइंट एक्सेस कर सकते थे।
गेराल्ड डार्मेनिन ने बताया कि ऐसे लोगों ने पत्रकार या तकनीकी कर्मचारी के रूप में आवेदन किया था। ये सभी मूल रूप से रूस और बेलारूस के थे, लेकिन आवेदन में इन्होंने अपने देश का नाम नहीं बताया था। गेराल्ड ने कहा, उदाहरण के लिए, ‘हमने बड़ी संख्या में ‘पत्रकारों’ को आने से मना कर दिया, जिन्होंने खेलों को कवर करने का दावा किया था। दूसरी ओर, हमने उन रूसी प्रतिनिधियों की उपस्थिति को स्वीकार किया, जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के लिए काम करते हैं। हमने एहतियाती सिद्धांत के तहत काम किया।’
रायटर्स की एक खबर से पता चला है कि डच ओलंपिक समिति ने अपने दल में बलात्कार के दोषी स्टीवन वैन डे वेल्डे को शामिल किया है। हालांकि, उसके खिलाफ विरोध को कम करने के लिए वैकल्पिक आवास में भेजा और मीडिया से बात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्टीवन वैन डे वेल्डे को 2016 में ब्रिटेन में 4 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। स्टीवन वैन डे वेल्डे ने 2014 में 12 साल की लड़की के साथ बलात्कार किया था। उस समय स्टीवन वैन डे वेल्ड की उम्र 19 साल थी।