नई दिल्ली: रेसलिंग में भारत के लिए निराश करने वाली खबर आई है। भारतीय महिला रेसलर रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) क्वार्टर फाइनल मैच हार गई हैं। इस तरह 21 साल की रीतिका हुड्डा का वूमेन्स फ्रीस्टाइल 76 किग्रा के सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया। भारतीय रेसलर को क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की रेसलर ऐपेरी मेडेट ने 3-1 से हराया। रीतिका को हराने वाली रेसलर दुनिया की नंबर-1 रेसलर है। हुड्डा किर्गिस्तान की रेसलर से 1-1 की बराबरी में आखिरी अंक गंवाने के आधार पर हारी। दोनों पहलवानों ने रक्षात्मक खेल दिखाया जिसके चलते दोनों को एक-एक अंक प्राप्त हुआ। लेकिन किर्गिस्तान की रेसलर को आखिरी अंक प्राप्त हुआ तो इस आधार पर रीतिका हुड्डा को हार का सामना करना पड़ा।
इससे पहले रीतिका ने प्री-क्वार्टर फाइनल में हंगरी की बर्नाडेट नैगी को शिकस्त देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था। वूमेन्स फ्रीस्टाइल 76 किग्रा.कैटेगिरी में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली पहलवान 21 साल की रीतिका भले ही सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई लेकिन अब भी उनके लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतने का चांस बन सकता है। साल 2023 में अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली रीतिका को अब किर्गिस्तान की एइपेरी मेडेट क्यजी के फाइनल में पहुंचने की दुआ करनी होगी ताकि रेपचेज के जरिए ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में पहुंच सके। अगर मेडेट फाइनल में नहीं पहुंच पाती हैं तो भारत का पेरिस खेलों का अभियान 6 मेडल और बिना गोल्ड मेडल के समाप्त हो जाएगा।
पेरिस ओलंपिक अपने आखिरी चरण में हैं और भारत का अभियान लगभग समाप्त हो गया है। रीतिका को रेपचेज राउंड का इंतजार है जबकि विनेश फोगाट अपनी अपील के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। अब देखना होगा कि भारतीय अभियान दल पेरिस ओलंपिक से 6 मेडल के साथ स्वदेश लौटता है या फिर मेडल की संख्या में कोई इजाफा होता है। बता दें, पिछले ओलंपिक में भारत 1 गोल्ड सहित कुल 7 मेडल जीता था।