नई दिल्ली: भारत और पोलैंड एक-दूसरे से 6000 किलोमीटर से अधिक दूर हैं। यह दोनों देश भले ही एक-दूसरे से काफी दूर हैं लेकिन एक धागे से जुड़े हुए हैं और वह है कबड्डी खेल। इस खेल ने पोलैंड में अपने पैठ जमा ली है और इसके परिणामस्वरूप इस यूरोपीय राष्ट्र ने यूरोप में कई खिताब जीते हैं और कबड्डी विश्व कप में महाद्वीप का प्रतिनिधित्व भी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दोनों देशों के बीच ‘कबड्डी कनेक्शन’ का जिक्र किया। पोलैंड की आधिकारिक यात्रा पर गए पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कबड्डी के जरिए दोनों देशों के बीच संबंध का खुलासा किया।
उन्होंने कहा, ‘हम कबड्डी के खेल के माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। यह खेल भारत के रास्ते पोलैंड पहुंचा और वे इसे काफी ऊंचाइयों पर ले गए। पोलैंड पहली बार कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है। मैं उनकी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूं।’ दोनों देशों के बीच खेल के संबंध को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी गुरुवार को पोलैंड की पुरुष और महिला कबड्डी टीमों के कप्तानों से मुलाकात करेंगे।
कबड्डी पोलैंड में काफी लोकप्रिय है और वे वर्तमान यूरोपीय चैंपियन हैं। पोलैंड के माइकल स्पिक्जो प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेलने वाले पहले यूरोपीय थे, जो देश में सबसे तेजी से बढ़ती पेशेवर लीग थी। इसे पोलैंड में पेश किया गया था जब भारत के एक खिलाड़ी अभिषेक शर्मा ने एक क्लब शुरू करने का फैसला किया था। इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन (आईकेएफ) के सदस्य अशोक दास के समर्थन से बायो-टेक्नोलॉजी में एमएस कोर्स पूरा करने के बाद 2007 में पोलैंड चले गए अभिषेक शर्मा ने 2010 में ‘कबड्डी प्रोजेक्ट’ शुरू किया। तब से शर्मा ने कबड्डी को लोकप्रिय बनाने में अपना सारा पैसा लगा दिया है और खेल को इस मुकाम पर पहुंचाया है।
पोलैंड पुरुषों की राष्ट्रीय टीम ने अहमदाबाद में 2016 कबड्डी विश्व कप में क्वालिफाई किया और खेला और प्रारंभिक ग्रुप मैच में तत्कालीन विश्व चैंपियन ईरान को हराकर सनसनी मचा दी थी। हालांकि, वे ग्रुप में चौथे स्थान पर रहे और अगले चरण में आगे बढ़ने में विफल रहे थे। लेकिन इस परिणाम से पता चलता है कि कबड्डी का पोलैंड में उज्ज्वल भविष्य है। प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से दोनों देशों के बीच कबड्डी संबंधों को और मजबूती मिलेगी, यह निश्चित है।