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Tuesday, April 22, 2025

खेलों में अमेरिका-चीन से कदमताल करना है तो भारतीयों को अपना माइंडसेट बदलना होगा: खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग

खेलमंत्री विश्वास सारंग ने नई दिल्ली में स्पोर्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 का किया शुभारंभ

नई दिल्ली: सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शुक्रवार को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में स्पोर्ट्स इंडिया कॉन्फ्रेंस के 12वें संस्करण में स्पोर्ट इंडिया एक्सपो का शुभारंभ किया। इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस का आयोजन फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PEFI) ने स्पोर्ट इंडिया फाउंडेशन और इंडियन एक्जीबिशन सर्विसेज के सहयोग से किया गया, जिसमें देशभर के खेल और शारीरिक शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञ और नेताओं ने भारत में खेलों के भविष्य पर विचार-विमर्श किया।

खेलों के प्रति सकारात्मक सोच लाने की जरूरत

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि जब ओलंपिक या अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता होती है तो हम सभी पदकों की तुलना अमेरिका एवं चीन से करने लगते हैं। यह स्वाभाविक भी है। मानव की यह प्रकृति भी है। तुलनात्मक अध्ययन करना, यह होना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सोचना भी पड़ेगा कि क्या देशवासियों में खेलों को करियर के रूप में अपनाने की अवधारणा है, उस माइंडसेट में बदलाव आया है। वर्तमान में हमारे बच्चे खेल में करियर बनाने को लेकर कुछ सकारात्मक बदलाव तो हुआ है, लेकिन यह नाकाफी है। 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश मे खेल जुनून बन जाना चाहिए। मध्यप्रदेश की सरकार हो या केंद्र की एनडीए की सरकार, खेलों के प्रति युवाओं में माहौल व संसाधन सुविधा उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। स्वामी विवेकानंद के ध्येय वाक्य पढ़ाई के साथ खेल भी मन-मस्तिष्क को उर्वरक बनाने के लिए जरूरी है, इसे अपना कर आगे बढ़े तो भारत भी पदकों की तालिका में अमेरिका व चीन को मात देने की सामर्थ्य रखता है।

मंत्री श्री सांरग ने कहा कि खेलों का यह अमृत काल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेल के क्षेत्र में फिट इंडिया से लेकर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए गए हैं। इसका उद्देश्य है, युवाओं में खेलों के प्रति जागरूकता लाना ताकि हम खेल के क्षेत्र में महाशक्ति बन सके। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में किसी समय केवल 2 करोड़ रुपये खेल का बजट हुआ करता था। आज 700 करोड़ रुपये है। लोगों में खेलों के प्रति जागरूकता लाने सरकारी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। बच्चों के हाथ में मोबाइल देने की बजाय उन्हें खेल की कोई सामग्री देकर आसपास के खेल मैदाने में भेजने के लिए संवेदनशील होना पड़ेगा। जब तक खेल के प्रति आस्था नहीं होगी, परिणाम सकारात्मक नहीं आएंगे। सरकार अपने स्तर पर रिसर्च-रिफॉर्म कर रही है। जो भी खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे आ रहे हैं वह परफॉर्म कर देश का सम्मान भी बढ़ा रहे हैं।

खेल प्रतिभाओं को किया सम्मानित

सम्मेलन में मंत्री श्री सारंग ने स्पोर्ट्स इंडिया पुरस्कार समारोह में खेल कोचिंग, शिक्षण, प्रशासन और प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि यह पुरस्कार भारत के खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रदान किया जाता है।

सम्मेलन में यह भी रहे उपस्थित

सम्मेलन में लालनघिंगलोवा हमार, खेल और युवा सेवा मंत्री, मिजोरम सरकार; रमेश चंद्र मिश्रा, विधायक, बदलापुर, जौनपुर, उत्तर प्रदेश सरकार; डॉ. ए.के. बंसल, हॉकी में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता; और आईपीएस अमित सिन्हा, एडीजी, विशेष प्रमुख सचिव (खेल) उत्तराखंड सरकार और पैनलिस्ट भी शामिल हुए। सम्मेलन में सभी ने खेल प्रशासन, नीति-निर्माण और राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर खेल कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर अपने विचार साझा किए।

कुलपतियों के संवाद का हुआ आयोजन 

इसके अलावा, सम्मेलन में कुलपतियों के संवाद का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. डॉ. इंदु बोहरा, कुलपति (कार्यवाहक), लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई); प्रो. उषा एस. नायर, कुलपति (कार्यवाहक), राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय (एनएसयू), इम्फाल; अशोक कुमार, आईपीएस, कुलपति, हरियाणा खेल विश्वविद्यालय (एचएसयू); और डॉ. जी. किशोर, प्राचार्य, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय (एलएनसीपीई), केरल जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। उन्होंने उच्च शिक्षा में खेल की भूमिका, खेल विज्ञान का समावेश और शैक्षणिक संस्थानों में अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर चर्चा की।

सम्मेलन की शुरुआत PEFI के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने भारत में खेल और शारीरिक शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रतिभागियों के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण स्पोर्ट्स इंडिया पुरस्कार समारोह रहा, जिसमें विश्वास कैलाश सारंग ने खेल कोचिंग, शिक्षण, प्रशासन और प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया। ये पुरस्कार भारत के खेल क्षेत्र में उत्कृष्टता की पहचान बन गए हैं और उन व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

स्पोर्ट्स इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 ने खेल और शारीरिक शिक्षा के भविष्य पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जिसमें नवाचार, अनुसंधान, और भारत को विश्व में खेलों में अग्रणी बनाने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने पर चर्चा साकारात्मक चर्चा हुई। कार्यक्रम का समापन PEFI के अध्यक्ष डॉ. ए.के. उप्पल के धन्यवाद भाषण के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों, सहयोगियों और प्रायोजकों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

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