नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन ने ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए एक महत्वाकांक्षी विचार सामने रखा है। उनका सुझाव है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक की जगह तीन फाइनल होने चाहिए और ये सभी अलग-अलग देशों में होने चाहिए।
नाथन लियोन टेस्ट फॉर्मेट की जटिलता और तंग शेड्यूल से अच्छी तरह से वाकिफ हैं, इसके बावजूद उनका मानना है कि एक के बजाय एक से अधिक फाइनल मैच टेस्ट क्रिकेट के सार को अधिक सटीक रूप से दर्शाते हैं। नाथन लियोन ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की भी प्रशंसा की, जो इसे क्रिकेट में अन्य प्रतियोगिताओं से अलग करती है, क्योंकि इसमें लंबे समय तक लगातार प्रदर्शन की आवश्यकता होती है।
नाथन लियोन ने कहा, ‘यह टूर्नामेंट का खेल नहीं है। आप सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद दो गेम हारकर या कुछ और करके नहीं रह सकते। आपको चक्र के दो वर्षों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। एक चीज मैं देखना चाहूंगा। मैं विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल तीन मैच की श्रृंखला के रूप में देखना चाहूंगा।’
नाथन लियोन ने कहा, ‘यह थोड़ा बेहतर हो सकता है क्योंकि संभव है कि आप एक सत्र के खेल से टेस्ट मैच हार जाएं, लेकिन जब तीन मैच की सीरीज होगी तो यह दोनों टीमों को अपना दबदबा दिखाने और 3-0 से जीतने का मौका दे सकता है। यह सही है कि हमारे पास समय की कमी है। ऐसे में यह एक चुनौती होगी, लेकिन यह एक चीज है जिसे मैं बदलना चाहूंगा।’
भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में हों 1-1 मैच
नाथन लियोन ने कहा, ‘आप तीन मैच के फाइनल सीरीज में से एक इंग्लैंड, एक भारत और एक ऑस्ट्रेलिया में आयोजित करा सकते हैं। ऐसे में आपके पास सभी अलग-अलग परिस्थितियां होंगी। जाहिर है टेस्ट मैच का समय सब कुछ बदल देता है। मुझे नहीं लगता कि हम अगस्त के मध्य में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर उतर पाएंगे।’
WTC के कारण रोमांचक हुआ हर टेस्ट मैच
नाथन लियोन ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फॉर्मेट द्विपक्षीय शृंखलाओं में ‘डेड रबर्स’ को खत्म करता है और यह सुनिश्चित करता है कि हर मैच महत्वपूर्ण और प्रतिस्पर्धी बना रहे। इसमें दो साल के चक्र के भीतर हर अंक महत्वपूर्ण होता है।
उन्होंने इस साल की शुरुआत में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच को याद किया। उस टेस्ट मैच में शमार जोसेफ की शानदार गेंदबाजी के कारण ऑस्ट्रेलिया को रोमांचक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में वह ऑस्ट्रेलिया की एकमात्र घरेलू हार है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया इस समय भारत के बाद दूसरे स्थान पर है।