नई दिल्ली: भारतीय तीरंदाज हरविंदर सिंह ने बुधवार को पेरिस में इतिहास रच दिया। भारतीय रिकर्व तीरंदाज हरविंदर सिंह ने रिकर्व के ओपन राउंड में गोल्ड मेडल जीता। वह पैरालंपिक या ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय थे। यह मेडल आर्चरी के इवेंट में देश का पहला गोल्ड है। हरविंदर अपने मेडल का रंग बदले उतरे थे और वह यह करने में कामयाब रहे।
फाइनल में हरविंदर सिंह का सामना पोलैंड के लुकास सिसजेक से था। हरविंदर ने 6-0 से यह मैच अपने नाम किया। पहले तीनों सेट जीतने के बाद उन्हें बचे हुए दो राउंड खेलने की जरूरत नहीं पड़ी। पहले राउंड में चीनी ताइपे के सेंग लुंग को हरविंदर ने उन्हें 7-3 से हराया। इसके बाद उन्होंने इंडोनेशिया के सेतियवन को 6-2 से हराया। क्वार्टर फाइनल में 6-2 और सेमीफाइनल में 7-3 से जीत हासिल की।
हरविंदर सिंह का यह दूसरा पदक है। उन्होंने 2021 में हुए टोक्यो पैरालंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह तीरंदाजी में भारत का पैरालंपिक का पहला मेडल था। उन्होंने कोरियाई तीरंदाज को शूट ऑफ में 6-5 से पीछा छोड़ा और पदक अपने नाम किया था। अब पेरिस पैरालंपिक में भारत के 22 पदक हो गए हैं। इनमें चार स्वर्ण, आठ सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल हैं। इसी के साथ भारत पैरालंपिक की पदक तालिका में 15वें स्थान पर पहुंच गया है। यह भारत का पैरालंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।