नई दिल्ली: श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच जारी दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला आज रोक दिया गया। शुरुआती टेस्ट के चौथे दिन का खेल नहीं होगा। इस दिन को रेस्ट डे के तौर पर रखा गया है। बचे हुए दोनों दिनों का खेल 22 और 23 सितंबर को खेला जाएगा।
रेस्ड डे का क्या है कारण?
श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड टेस्ट का चौथा दिन रेस्ड डे के रूप में रखा गया है। इसके पीछे की वजह राष्ट्रपति चुनाव है। दरअसल, श्रीलंका में नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है जिसकी वजह से इस दिन को ब्रेक के तौर पर रखा गया है, ताकि खिलाड़ी जाकर वोट डाल सकें।
ऐसा पहले कभी हुआ है?
टेस्ट में रेस्ड डे का प्रावधान 90 के दशक से पहले के मुकाबलों में होता था। ऐसे में श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड मैच में ब्रेक लेना कोई नई बात नहीं है। साल 2008 में श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में भी ऐसा हुआ था। बांग्लादेश के संसदीय चुनावों की वजह से एक दिन का ब्रेक लिया गया था।
2001 के बाद पहली बार श्रीलंका कर रहा छह दिवसीय टेस्ट की मेजबानी
दो दशकों से अधिक समय में यह पहली बार है जब श्रीलंका छह दिनों के टेस्ट मैच की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले 2001 में कोलंबो में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए मैच में पोया डे (पूर्णिमा) के कारण एक दिन का विश्राम रखा गया था। दो मैचों की यह सीरीज मौजूदा आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र का हिस्सा है जिसका दूसरा टेस्ट 26-30 सितंबर तक गॉल में ही खेला जाएगा।
मैच का हाल
यह मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। तीसरे दिन न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 10 विकेट पर 340 रन बनाए। कीवियों ने पहली पारी में 35 रनों की बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में श्रीलंका की शुरुआत कुछ खास नहीं हुई। हालांकि, दिमुथ करुणारत्ने और दिनेश चांदीमल ने पारी को संभाला। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 147 रनों की साझेदारी हुई। कीवी गेंदबाजों ने टीम ने वापसी की। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने 72 ओवर में 237/4 का स्कोर बना लिया है। एंजेलो मैथ्यूज 34* और धनंजय डि सिल्वा 34* रन बनाकर क्रीज पर डटे हैं।