25.1 C
New Delhi
Thursday, November 21, 2024

Chess Champions: चेस ओलंपियाड जीतकर इतिहास रचने वाले खिलाड़ियों से मिले पीएम मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 सितंबर को 45वें शतरंज ओलंपियाड में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष और महिला टीमों के साथ बातचीत की। भारत की पुरुष और महिला टीमों के खिलाड़ियों से पीएम अपने नई दिल्ली स्थित आवास पर मिले। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक देश हर क्षेत्र और कार्यक्षेत्र में अपनी महारत और विशेषज्ञता के कारण समृद्ध होता है। यही बात देश को महान बनाती है। हमारे अंदर कुछ नया, कुछ और करने की भूख होनी चाहिए।’

पीएम ने शतरंज के खेल को बेहतर बनाने के लिए एआई के उपयोग पर शतरंज चैंपियनों से एक सवाल पूछा, जिस पर शतरंज के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने कहा, ‘एआई के साथ शतरंज विकसित हुआ है। नई तक्नीक हैं और कंप्यूटर शतरंज में नए आइडियाज दे रहे हैं।’ हरिका द्रोणावल्ली कहती हैं, ‘यहां तक कि हमारे प्रतिद्वंद्वी भी हमारे लिए बहुत खुश थे।’ शतरंज के ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती कहते हैं, ‘पिछले कुछ सालों में दर्शकों ने हमारा समर्थन करना शुरू कर दिया है।’ इंटरनेशनल मास्टर तानिया सचदेव कहती हैं, ‘इस बार हम स्वर्ण पदक जीतने के लिए बहुत प्रेरित और दृढ़ थे।’विदित ने पीएम से मुलाकात के बाद कहा- इतने बिजी शेड्यूल में उन्होंने हमारे लिए समय निकाला, इतना प्रोत्साहित किया। तो ऐसा कुछ अच्छा प्रदर्शन हो और अगर आपको प्रधानमंत्री से शाबाशी मिले तो और क्या बोल सकते हैं। जिस तरह से उन्होंने हमसे बातचीत की, उन्होंने हमें सहज महसूस कराया। उन्होंने टूर्नामेंट के बारे में पूछा, हमसे हंसी मजाक किया तो हम सहज हो गए। उन्होंने बताया कि कैसे वो फैसले लेते हैं, वो कैसे इतनी सारी चीजें मैनेज करते हैं।वहीं, वंतिका अग्रवाल ने कहा, ‘मेरा जन्मदिन 28 सितंबर को था और उन्हें याद था। उन्होंने मुझसे पूछा कि आप तीन दिन बाद क्या करने वाले हो अपने जन्मदिन पर? मुझे इतनी ज्यादा खुशी हुई क्योंकि मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि उन्हें मेरा जन्मदिन कैसे याद है। जब मैं नौ साल की थी तो मोदीजी ने गुजरात में बहुत बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया था। तभी मैंने एशियन चैंपियनशिप्स जीता था। तभी मैंने दो स्वर्ण जीते थे तो उन्होंने मुझे वहां पर बुलाया था और सम्मानित किया था। तब मुझे इतनी ज्यादा प्रेरणा मिली थी कि उन्होंने मुझे सम्मानित किया था। तब मैंने सोच लिया था कि अब मुझे जीतना ही जीतना है। इंडिया के लिए खेलना है और इंडिया के लिए गोल्ड ही जीतना है।’तानिया सचदेवा ने कहा, ‘उनसे इतना कुछ सीखा। उनके अनुभव से पता चला कि वह दबाव वाली स्थिति से कैसे निपटते हैं। उनका खेल के प्रति लगाव और उनके साथ इस मीटिंग से हम में जोश भर गया। उन्होंने हमें इतना प्रोत्साहित और प्रेरित किया है, यह हम सभी के लिए एक खास पल है।’ गुकेश डी ने कहा, ‘पीएम को वंतिका का जन्मदिन याद था, जो दिखाता है कि उन्हें खेल और खिलाड़ियों से कितना प्यार है। यह जीत उनके लिए कितना मायने रखती है, यह देखकर बहुत ही खुशी हुई।’ वैशाली रमेशबाबू ने कहा, ‘जब मैंने उन्हें खुद के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि आपका भाई कहां है और आपकी मां किधर हैं? यह जानकर खुशी हुई कि उन्होंने मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछा। उन्होंने योगा और ध्यान लगाने का महत्व भी बताया और साथ ही फिजिकल फिटनेस को लेकर भी जानकारी दी।’आर प्रज्ञानंद ने कहा, ‘उन्हें काफी चीजों के बारे में काफी जानकारी है। उन्होंने हमें वहां सहज महसूस कराया और यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।’ हरिका ने कहा, ‘कुछ समय बाद हम प्रधानमंत्री से बातचीत में इतने मशगूल हो गए कि हमने इस पर ध्यान नहीं दिया कि हम भारत के प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं। वह इतना जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं कि हमें काफी सहज महसूस कराया और हमें लगा कि हम किसी आम व्यक्ति से आम बात कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं इस अनुभव को जिंदगी भर याद रखूंगी।’दिव्या देशमुख ने कहा, ‘मुझे तो लगा ही नहीं कि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह इतने विनम्र थे कि उन्हें हमें परेशानी महसूस नहीं होने दी। वहां का माहौल बहुत ही शानदार था। मेरे लिए जो खास बात थी, वह ये थी कि वह एक प्रधानमंत्री होने के बावजूद कितने विनम्र थे और कितने अच्छे थे हमसे बात करने में। वो बात कर रहे थे कि कोई कुछ भी सलाह दे सकता है या उनका विरोध कर सकता है। यह किसी प्रधानमंत्री में सबसे अच्छी क्वालिटी होती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

15,780FansLike
2,290FollowersFollow
5,445SubscribersSubscribe

Latest Articles