नई दिल्ली: डोप टेस्ट के डर से टूर्नामेंट छोड़कर भागने की घटनाएं पहले भी हुई हैं, लेकिन यूपी वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जैसा हुआ वैसा उदाहरण अब तक सामने नहीं आया है। चैंपियनशिप में नाडा की टीम के पहुंचने की सूचना मिलते ही आधे से भी ज्यादा वेटलिफ्टर टूर्नामेंट छोड़कर भाग गए। नतीजा यह निकला कि चैंपियनशिप में कई भार वर्गों में कोई लिफ्टर नहीं होने के चलते मुकाबला ही नहीं हुआ, कई भार वर्गों में सिर्फ एक या दो लिफ्टर ही उतरे।
कुछ दिन पूर्व मोदीनगर में अश्मिता खेलो इंडिया जोनल लीग और यूपी वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। इन खेलों के लिए 519 वेटलिफ्टरों की एंट्री आई। खेलो इंडिया जोनल लीग में भारतीय भारोत्तोलन संघ की ओर से डोप टेस्ट के लिए नाडा को बुलाया गया। इस दौरान लीग से भी कुछ लड़कियां भागीं।
भारोत्तोलन संघ ने जब यह देखा कि लिफ्टर प्रतियोगिता छोड़कर भाग रहे हैं तो उन्होंने नाडा से गुजारिश की कि लीग के खत्म होते ही यूपी वेटलिफ्टिंग होनी है। उन्हें इस चैंपियनशिप में भी टेस्ट करने चाहिए। अमूमन राज्य चैंपियनशिप में टेस्ट नहीं किए जाते हैं। नाडा टेस्ट के लिए तैयार हो गया, लेकिन इसकी सूचना तत्काल वेटलिफ्टर को नहीं दी गई।
चैंपियनशिप शुरू होने से पहले लिफ्टरों के वजन के दौरान उन्हें पता लगा कि नाडा डोप सैंपल भी लेगी। यहीं से भगदड़ मच गई। चैंपियनशिप के लिए 252 पुरुष लिफ्टरों की एंट्री आई थी, जिसमें 126 लिफ्टर प्रतियोगिता छोड़कर भाग गए। 177 लड़कियों को चैंपियनशिप में खेलना था, जिसमें 93 ने हिस्सा नहीं लिया।