नई दिल्ली: पिछले कुछ सीजन में दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज भारत के सबसे व्यस्त गेंदबाजों में से एक रहे हैं। वह टेस्ट और वनडे सेट-अप में एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में उभरे हैं। जनवरी 2022 से सिराज ने सभी प्रारूपों में 728 ओवर फेंके हैं, जो सभी भारतीय तेज गेंदबाजों में सबसे अधिक है, उनसे आगे केवल स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (786.3) और रविंद्र जडेजा (771.2) ही हैं। यहां तक कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने भी 582 ओवर ही फेंके हैं और 128 विकेट हासिल किए हैं, जो इस अवधि में मोहम्मद सिराज से पांच ज्यादा हैं।
विदेशी पिचों पर बरपा चुके हैं कहर
हैदराबाद के इस तेज गेंदबाज ने लगभग हर दौरे और हर परिस्थिति में विपक्षी टीमों को परेशान किया है। वह सीमित ओवरों में श्रीलंका के लिए एक दुश्मन की तरह हैं। ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। इस साल जनवरी में केपटाउन में टेस्ट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ (6/15) शानदार प्रदर्शन किया और हराया। साल 2021 में इंग्लैंड में भी गेंद का अच्छा इस्तेमाल किया।
हालांकि, जब जब लाल एसजी गेंद और घरेलू टेस्ट की बात आती है, तो सिराज अपने साथियों के साथ बने रहने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाये देते हैं। मोहम्मद सिराज ने 29 में से 12 टेस्ट मैच घरेलू मैदान पर खेले हैं। इसमें उनके कुल 78 में से केवल 17 विकेट ही घरेलू मैदान पर आए हैं।
पारस म्हाम्ब्रे ने बताया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पारस म्हाम्ब्रे ने बताया, ‘यह कहना गलत होगा कि सिराज भारतीय परिस्थितियों में बुमराह और शमी जितने प्रभावी नहीं हैं। हां, वह पिच की स्पीड पर निर्भर रहते हैं। एक बात जो लोगों को समझनी चाहिए वह यह है कि सिराज कभी भी पूरी तरह से स्विंग गेंदबाज नहीं थे। अगर आप उनके रिलीज पॉइंट को देखें, तो वह बाएं हाथ के बल्लेबाजों से गेंद को दूर ले जाते हैं और दाएं हाथ के बल्लेबाजों को निप-बैकर गेंदबाजी करते हैं।’
म्हाम्ब्रे बताते हैं, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिराज का कौशल स्तर बहुत ऊंचा है। भारतीय परिस्थितियों में, उन्हें उतने विकेट नहीं मिल रहे हैं क्योंकि उनकी भूमिका अलग है। अगर बुमराह एक छोर से गेंदबाजी कर रहे हैं, तो सिराज दूसरे छोर पर कसी हुई गेंदबाजी करने की कोशिश करते हैं (भारतीय पिचों पर)। कप्तान उनसे यही उम्मीद करते हैं। म्हाम्ब्रे का मानना है कि दाएं हाथ के गेंदबाज का स्वाभाविक एक्शन और मिडिल और लेग स्टंप लाइन पर गेंद डालने की प्रवृत्ति उनकी कमियों को बढ़ाती है।
पारस म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘उनकी रिवर्स स्विंग शमी या उमेश यादव की तरह प्रभावी नहीं है। उस एक्शन से रिवर्स स्विंग गेंदबाजी करना बहुत मुश्किल है। शमी के मामले में, उनके पास वह त्रुटिहीन सीम बॉलर हैं। वह बल्लेबाजों (दाएं और बाएं दोनों) को हवा में चकमा देते हैं। उमेश के साथ यह है कि वह अपने स्लिंगी एक्शन के कारण रिवर्स स्विंग से हासिल करते थे। इसके अलावा, वे दोनों सिराज से तेज (स्पीड) भी हैं।’
पारस म्हाम्ब्रे इस बात से सहमत हैं कि 30 साल के सिराज अब भी घरेलू मैदान पर लाल गेंद से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहा है। पारंपरिक स्विंग की कमी और लगातार अंदर की ओर सीम मूवमेंट की तलाश ने सिराज के घरेलू मैदान पर शुरुआती नंबरों को प्रभावित किया है, जिससे उन्हें गेंद के साथ रक्षात्मक भूमिका की ओर जाना पड़ा है।
चोटों और वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण खिलाड़ी प्रभावित
चोटों और वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण अक्सर मुख्य खिलाड़ी प्रभावित होते हैं। सिराज ने पिछले तीन साल में घरेलू मैदान पर किसी भी अन्य तेज गेंदबाज की तुलना में अधिक टेस्ट मैच खेले हैं। चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट सामान्य से अलग था। वहां भारत ने 2019 के बाद पहली बार घरेलू मैदान पर तीन तेज गेंदबाजों (जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और आकाशदीप) को शामिल किया था। भारत ने दूसरे टेस्ट में भी क्रम बनाए रखा। हालांकि, मोहम्मद सिराज ने दो पारियों में केवल 4 विकेट लिए, जो तेज गेंदबाजों में सबसे कम है।
घरेलू मैदान पर सिराज का प्रदर्शन
2010 से लेकर अब तक घरेलू मैदान पर कम से कम 10 टेस्ट खेलने वाले सात भारतीय तेज गेंदबाजों में से सिराज सबसे कम प्रभावी रहे हैं। उनका 34.52 का औसत सबसे खराब है, जबकि 59.9 का स्ट्राइक रेट इशांत शर्मा (71.4) से थोड़ा ही ज्यादा है। जसप्रीत बुमराह ने 10 टेस्ट मैच में 15.47 के शानदार औसत और 32.4 की स्ट्राइक रेट के साथ 44 विकेट लिए हैं, जो सिराज से लगभग दोगुना है।
2010 से अब तक ऐसा रहा घरेलू मैदान पर भारतीय तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन
खिलाड़ी | कब से कब तक | पारियां | विकेट लिये |
औसत | इकॉनमी | स्ट्राइक रेट |
पारी में 5 विकेट |
पारी में 10 विकेट |
उमेश यादव | 2011-2023 | 64 | 101 | 25.88 | 3.23 | 48 | 2 | 1 |
मोहम्मद शमी | 2013-2023 | 42 | 76 | 22.1 | 3.11 | 42.6 | 2 | 0 |
इशांत शर्मा | 2010-2021 | 61 | 71 | 33.6 | 2.82 | 71.4 | 1 | 0 |
जसप्रीत बुमराह | 2021-2024 | 19 | 44 | 15.47 | 2.86 | 32.4 | 2 | 0 |
जहीर खान | 2010-2012 | 19 | 33 | 31.48 | 2.95 | 63.8 | 1 | 0 |
भुवनेश्वर कुमार | 2013-2017 | 21 | 27 | 26.22 | 3.01 | 52.1 | 1 | 0 |
मोहम्मद सिराज | 2021-2024 | 22 | 17 | 34.52 | 3.5 | 59 | 0 | 0 |
उमेश यादव 2010 के बाद से सबसे शानदार तेज गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने 32 मैच में 25.88 के औसत से 101 विकेट लिए हैं। दूसरे नंबर पर शमी हैं, जिन्होंने 21 टेस्ट मैच में 22.10 के औसत से कुल 76 विकेट लिए हैं। हालांकि, सिराज लंबे फॉर्मेट में शानदार खिलाड़ी हैं। अपना दिन होने पर वह एक ही झटके में विपक्षी टीम की बैटिंग लाइन-अप तहस-नहस कर सकते हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में केपटाउन में ऐसा किया भी था।
न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज होगी अग्निपरीक्षा?
चोटिल शमी की वापसी अधर में लटकी हुई है, इसलिए सिराज भारत के आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलिया में बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के लिए तैयार होंगे। इसका मतलब यह भी होगा कि सिराज निकट भविष्य में घरेलू टेस्ट में तेज गेंदबाजों में से एक बने रहेंगे, जहां उनकी औसत दर्जे की वापसी जल्द ही सवालों के घेरे में आ सकती है। इससे पहले कि भारत अन्य सीम संयोजन और तीन स्पिन आक्रमण की वापसी के लिए तैयार हो जाए, न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी तीन टेस्ट मैच की सीरीज सिराज के लिए एक विशिष्ट अग्निपरीक्षा होगी।