नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर गंभीर आरोप लगा है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने अजहरुद्दीन को समन भेजा है। अजहरुद्दीन का नाम हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया। ED का अजहरुद्दीन को यह पहला समन है और उन्हें गुरुवार को एजेंसी के सामने पेश होना था लेकिन वह पेश नहीं हुए। कुछ समय पहले तक अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। अजहरुद्दीन 2019 के सितंबर महीने में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए थे। हालांकि महज दो साल बाद जून 2021 में उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा था।
अजहरुद्दीन पर 20 करोड़ के फंड के दुरुपयोग का अरोप लगा है। इस पैसा का आवंटन हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम के डीजल जरनेटर, फायरफाइटिंग सिस्टम और कैनोपी के लिए किया गया था। ईडी का आरोप है कि एचसीए ने निजी कंपनियों को स्टेडियम से जुड़े कामों के लिए उच्च दरों पर ठेके दिए। इस कारण क्रिकेट एसोसिएशन को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले में ईडी ने तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। ED ने तेलंगाना में 9 जगहों पर छापेमारी की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए थे।
देश के सबसे सफल कप्तानों में शामिल
अजहरुद्दीन देश की सबसे युवा कप्तानों में शामिल हैं। 1989 में उन्हें देश की कप्तानी दी गई। उन्होंने 47 टेस्ट मैच और 174 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी की। उनकी कप्तानी में भारत 14 टेस्ट और 90 वनडे जीता था जो कि उसे समय का किसी भारतीय कप्तान का सर्वश्रेष्ठ कप्तानी रिकॉर्ड था। उन्होंने भारत के लिए कुल मिलाकर 99 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 45.03 के औसत से 6215 रन बनाए। वहीं अजहरुद्दीन 334 वन-डे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जिस उन्होंने 9378 रन बनाए हैं, जिसमें 7 शतक और 58 अर्धशतक शामिल हैं।
फिक्सिंग का भी लग चुका है आरोप
मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर इससे पहले मैच फ़िक्सिंग का आरोप लग चुका है। इस आरोप के बाद अजहरुद्दीन पर उन्हें आजीवन क्रिकेट बैन लगा दिया गया था। हालांकि, 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने उन पर लगे इस बैन को खारिज कर दिया था। कोर्ट इस प्रतिबंध को गैरकानूनी करार दिया था।