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Saturday, February 1, 2025

Ridam Sharma: भले ही बोल और सुन नहीं सकती, लेकिन आज उसकी सफलता की गूंज पूरे देश ने सुनी

बरेली: बरेली की मूक-बधिर बेटी भले ही बोल और सुन नहीं सकती, लेकिन आज उसकी सफलता की गूंज पूरे देश में है। पैरा एथलीट रिदम शर्मा ने एक दिसंबर से मलयेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रही 10वीं एशियन पैसिफिक डेफ एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो स्वर्ण व एक रजत पदक जीतकर नाम रोशन किया है। उन्होंने बृहस्पतिवार को 400 मीटर मिक्स रिले व 4×400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक हासिल जीते।

शुक्रवार को 400 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक अपने नाम किया। रिदम ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय ऑल इंडिया स्पोर्ट्स काउंसिल ऑफ डेफ के महासचिव सुरेश, डेफ स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ यूपी, कोच अजय कश्यप आदि को दिया है। दो माह बाद होने वाली वर्ल्ड डेफ एथलेटिक्स प्रतियोगिता के लिए भी उनका चयन हो चुका है। इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने पर उनका चयन डेफलिंपिक्स के लिए भी हो सकता है।

इन प्रतियोगिताओं में भी जीत चुकी हैं पदक

बड़ा बाजार निवासी रिदम (17) ने इससे पहले इंदौर में हुई 35वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 200 मीटर दौड़, 100 व 400 मीटर बाधा दौड़ में तीन पदक हासिल किए थे। बंगलूरू में आयोजित ट्रायल में शानदार प्रर्दशन के दम पर उनका चयन बीते साल ब्राजील में आयोजित वर्ल्ड डेफ एथलेटिक्स प्रतियोगिता के लिए हुआ था, लेकिन कुछ समस्याओं के कारण वह इसमें प्रतिभाग नहीं कर सकी थीं। माता-पिता के समझाने पर उन्होंने दोबारा अभ्यास शुरू किया और आज दुनिया के फलक पर छा गईं।

उनकी मां पूनम शर्मा गृहिणी और पिता अनुकाम शर्मा प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि बेटी को आगे बढ़ाने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं। रिदम लिप रीडिंग तकनीक के सहारे लोगों की बात समझ लेती है। उसने 12 साल की उम्र में ही एथलेटिक्स में अपना भविष्य बनाने का फैसला कर लिया था। मूक-बधिर होने के कारण कोच प्रशिक्षण देने से पीछे हटे तो उन्होंने रेलवे स्टेडियम के कोच अजय कश्यप से संपर्क किया। कोच अजय ने प्रशिक्षण में मदद की और बेटी ने सफलता का शिखर छू लिया।

पैरा एथलीट रिदम शर्मा को किया गया पुरस्कृत

डीएम रविंद्र कुमार ने शुक्रवार को मिशन शक्ति फेज-5 के तहत आयोजित हक की बात, जिलाधिकारी के साथ और वीरांगना सम्मान समारोह में कई खिलाड़ियों, बालिकाओं व महिलाओं को पुरस्कृत किया। रिदम के मलयेशिया में होने की वजह से 20 हजार रुपये की धनराशि और प्रशस्तिपत्र उनके प्रतिनिधि को दिया गया। शतरंज की राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल पाने वाली प्रियांशी को भी पुरस्कृत किया गया।

कक्षा-12 में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए रिया गंगवार को सम्मान मिला। 10 अन्य महिलाओं और बालिकाओं को भी पुरस्कृत किया गया। आयोजन में शामिल मैथोडिस्ट इंटर कॉलेज की बालिकाओं ने डीएम से आईएएस बनने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। डीएम ने बालिकाओं से मिलीं शिकायतों को निस्तारित करने के निर्देश दिए।

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