नई दिल्ली: भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट के बाद संन्यास का ऐलान कर दिया। अश्विन के अचानक संन्यास लेने के बाद कई सवाल खड़े हुए। किसी को भी इसका कारण समझ नहीं आ रहा था। हालांकि अश्विन के भारत लौटने पर उनके पिता ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अश्विन की बेइज्जती हो रही थी और वह इसे लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं कर सकते थे।
अश्विन के पिता को आखिर में पता चला बेटे का फैसला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें भी आखिरी समय पर संन्यास के बारे में पता चला। उन्होंने कहा, ‘हमें भी आखिरी मिनट ही पता चला। मुझे नहीं पता उसके दिमाग में क्या चल रहा था। उसने बस फैसला सुना दिया। मैंने उसे मान लिया। इसे लेकर मेरी कोई भावना नहीं है। हालांकि जिस तरह उसने संन्यास लिया उससे मेरा एक मन खुश था वहीं दूसरा मन चाहता था कि वह खेलता रहे।’
अपमान के कारण अश्विन ने लिया संन्यास
अश्विन के पिता ने माना कि शानदार रिकॉर्ड होने के बावजूद अश्विन को लगातार प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला जो कि इस खिलाड़ी का अपमान था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘संन्यास लेना अश्विन की इच्छा थी। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। हालांकि जिस तरह उसने संन्यास लिया उसके कई कारण हो सकते हैं। सिर्फ अश्विन ही जानता है। शायद उसकी जो बेइज्जती हुई वह कारण हो सकता है।’
अश्विन के पिता का बड़ा आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविचंद्रन ने कहा कि उनका परिवार इस समय काफी भावुक है। हालांकि अश्विन भी लंबे समय तक अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा, ‘बेशक हमारा परिवार भावुक है। वह 14-15 साल तक मैदान पर रहा। अचानक हुए बदलाव ने हमें हैरान किया है। लेकिन साथ ही हमें पता भी था कि जिस तरह उसकी बेइज्जती हो रही है ऐसा फैसला कर सकता है। वह कब तक इतनी बेइज्जती बर्दाश्त करता। शायद उसने खुद ही फैसला कर लिया।’ अश्विन के पिता ने यह भी बताया कि बेटे की सफलता में उन्होंने कोई बड़ा रोल नहीं निभाया। उन्होंने कहा, ‘मैं उसे बाईक पर प्रैक्टिस के लिए छोड़ता था। मैं क्रिकेट में ज्यादा नहीं घुसा। मैंने उसे क्रिकेट और पढ़ाई दोनों पर ध्यान देने को कहा। मैं सिर्फ घर पर इस बारे में बात करता था। बाकी सब उसने खुद किया। खेल को लेकर उसकी समझदारी में मेरा कोई नहीं है।’