नई दिल्ली: भारतीय टीम मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ कराने में नाकाम रही। ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट मैच में जीत हासिल करके सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली। मेलबर्न टेस्ट में फैंस को चेतेश्वर पुजारा की बहुत याद आई क्योंकि टीम इंडिया का कोई खिलाड़ी टिककर टीम को ड्रॉ तक नहीं पहुंचा सका। फैंस की तरह गौतम गंभीर भी चाहते थे कि इस दौरे पर चेतेश्वर पुजारा टीम का हिस्सा हो लेकिन सेलेक्टर्स राजी नहीं हुए।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक गंभीर चाहते थे कि चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलिया आएं। भारत को पर्थ टेस्ट मैच में जीत मिली थी, इसके बावजूद भी गंभीर पुजारा को टीम में चाहते थे लेकिन उन्हें सेलेक्टर्स की ओर से समर्थन नहीं मिला।
पुजारा ने भारत के लिए 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं। वह साल 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद से कोई मैच नहीं खेले हैं। हालांकि इस मैच में वह पहली पारी में 14 और दूसरी पारी में 27 रन बनाकर आउट हुए। हालांकि ऑस्ट्रेलिया में उनका बल्ला खूब चला है। उन्होंने 11 मैचों में 47.28 के औसत से 993 रन बनाए हैं। साल 2018-19 के दौरे पर उन्होंने 1258 गेंदे खेली थी और 251 रन बनाए थे।
वहीं तीन साल बाद फिर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में उन्होंने 928 गेंदों में उन्होंने 271 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सब्र का जमकर इम्तिहान लिया। गंभीर ने जब वॉशिंगटन सुंदर और हर्षित राणा को टीम में जगह देने का फैसला किया तब भी फैसले पर सवाल खड़े हुए थे। सभी लोग इस फैसले से सहमत नहीं थे। पिंक बॉल टेस्ट मैच में आकाशदीप को ड्रॉप करके हर्षित राणा को मौका दिया गया।