नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित शर्मा के न होने पर पहला टेस्ट खेलने के बाद बेंच पर बैठने वाल देवदत्त पडिक्कल का विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन जारी रहा। उन्होंने बुधवार (15 जनवरी) को विजय हजारे ट्रॉफी में लगातार सातवां पचास से अधिक का स्कोर बनाया। इससे कर्नाटक 2024-25 सत्र के फाइनल में पहुंच गया। वडोदरा के कोटांबी स्टेडियम में हरियाणा के खिलाफ कर्नाटक के 238 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पडिक्कल ने मयंक अग्रवाल के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत की। कप्तान के तीन गेंदों पर शून्य पर आउट होने के बाद लक्ष्य का पीछा किया।
पडिक्कल ने बुधवार की पारी के दौरान केवल अपनी 31वीं पारी में 2000 लिस्ट ए रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 83 से अधिक रहा। 24 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी 27वीं पारी में 100 से अधिक की औसत के साथ विजय हजारे ट्रॉफी में 2000 रन पूरे किए। पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में लगातार सात पचास से अधिक स्कोर दर्ज करने के अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी की।
पडिक्कल 113 गेंदों पर 86 रन बनाकर आउट आउट हुए। दो अलग-अलग सत्रों में उन्होंने 86, 102, 114, नाबाद 93, 70, 117 और नाबाद 71 रन बनाए। चार महीने के लंबे ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद लौटे पडिक्कल ने 2023 के बाद से पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी में बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 99 गेंदों में 102 रनों की पारी खेली थी।
बाएं हाथ के इस लंबे कद के बल्लेबाज ने लिस्ट ए क्रिकेट में बहुत तेजी से रन बनाए हैं। इनमें से अधिकांश विजय हजारे ट्रॉफी में आए हैं। पडिक्कल ने 2019 में डेब्यू के बाद से विजय हजारे ट्रॉफी में केवल 27 पारियों में 9 शतक लगाए हैं। 2020-21 के विजय हजारे ट्रॉफी सीजन में पडिक्कल ने लगातार सात पारियों में पचास से अधिक का स्कोर बनाया। उन्होंने इस सत्र में लगातार चार शतक भी लगाए।
इससे पडिक्कल लिस्ट ए क्रिकेट में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। तमिलनाडु के एन जगदीसन ने टूर्नामेंट के 2022-23 सत्र में लगातार पांच शतक लगाए थे। कर्नाटक इससे पहले 2019-20 सीजन में आखिरी विजय हजारे ट्रॉफी फाइनल खेला था और खिताब जीता था। पडिक्कल ने अपने डेब्यू सीज़न में 609 रनों के साथ चार्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया था। जसप्रीत बुमराह ने बेड रेस्ट की खबर को गलत बताई है।