नई दिल्ली: राजस्थान के बीकानेर जिले में अभ्यास के दौरान जूनियर नेशनल गेम्स खेलों में गोल्ड मेडल विजेता महिला पावर-लिफ्टर की 270 किलोग्राम की रॉड गर्दन पर गिरने से मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार (19 फरवरी) को यह जानकारी दी। महिला पावर-लिफ्टर 17 वर्षीय यष्टिका आचार्य के साथ यह दर्दनाक हादसा जिम में हुआ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नया शहर एसएचओ विक्रम तिवारी ने बताया कि मंगलवार को स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी की गर्दन उस समय टूट गई जब 270 किलोग्राम की रॉड उसके ऊपर गिर गई। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
विक्रम तिवारी ने बताया कि दुर्घटना उस समय हुई जब ट्रेनर जिम में यष्टिका से वजन उठवा रहा था। इस हादसे में ट्रेनर को भी मामूली चोटें आई हैं। एसएचओ ने बताया कि परिजनों ने इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं कराया है। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को शव परिजनों को सौंप दिया गया।
यष्टिका ने पिछले साल अक्टूबर में गोवा में नेशनल बेंच प्रेस चैंपियनशिप में सब जूनियर 84 किग्रा और उससे अधिक वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। पावर लिफ्टिंग में एक एथलीट तीन लिफ्ट स्क्वाट, बेंच प्रेस और डेडलिफ्ट में अधिकतम वजन उठाने की कोशिश करता है। स्क्वाट में भार लिफ्टर के सिर के पीछे कंधों पर टिका होता है।
लिफ्टर अपने घुटनों को मोड़ता है और बैठने की पोजिशन में आ जाता है। फिर भार को लेकर उठता है। बेंच प्रेस में पावर लिफ्टर पहले बेंच पर अपना चेहरा ऊपर और पीठ नीचे करके लेट जाता है। वह लोड किए गए बार को हाथ की लंबाई पर लेता है और बार को छाती तक नीचे करता है। बार छाती को छूता है, तो उसे ऊपर ले जाता है।