नई दिल्ली: रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान पहला चैंपियंस ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया। रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया की जीत शानदार रही और इसमें हर भारतीय खिलड़ी का पूरा सहयोग टीम को प्राप्त हुआ। हर खिलाड़ी ने अपना सौ फीसदी दिया और इसका परिणाम ये रहा कि हम चैंपियन बने।
फाइनल मैच में भारतीय टीम की बल्लेबाजी व गेंदबाजी देखने योग्य था, हां फील्डिंक के मोर्चे पर किसी-किसी जगह कुछ कमियां देखने को जरूर मिली, लेकिन ये जीत में बाधक नहीं बना। वैसे भारत की तरफ से फील्डिंग में हर खिलाड़ी ने एफर्ट लगाया था जो मैदान पर साफ तौर पर दिख भी रहा था, लेकिन रविंद्र जडेजा इन सबसे थोड़े आगे रहे और उन्होंने टीम के लिए खूब रन बचाए। फाइनल मैच के लिए रविंद्र जडेजा को बेस्ट फील्डर का खिताब भारतीय ड्रेसिंग रूम में दिया गया जो एक परंपरा सी बन गई है।
फाइनल मुकाबले में रविंद्र जडेजा ने एक भी कैच नहीं पकड़ा और ना ही उन्होंने किसी विरोधी बल्लेबाज को कैच आउट किया फिर भी वो बेस्ट फील्डर आखिर क्यों चुने गये। दरअसल मैच के दौरान जडेजा की फील्डिंग अलग स्तर की नजर आई और उन्होंने न्यूजीलैंड को कई बार सिंगल को डबल में बदलने से रोका। उनका थ्रो फाइनल में देखने लायक था जिससे कीवी बल्लेबाजों में दहशत तो जरूर थी। जडेजा ने फील्डिंग के दौरान जिस तरह का प्रयास किया और जज्बा दिखाया इसकी वजह से ही उन्हें ये अवॉर्ड मिला। इसके अलावा जडेजा ने बैटिंग और बॉलिंग में भी अच्छा किया और चौका लगाकर भारत को जीत भी दिलाई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मैच के बाद फील्डिंग कोच टी दिलीप ने कहा कि जडेजा अपनी गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आज जिस तरह से उन्होंने गेंद का पीछा किया, शानदार थ्रो किए वो कमाल का रहा। जडेजा ने अपनी फील्डिंग में पूरी जान लगा दी और इसका परिणाम उन्हें बेस्ट फील्डर अवॉर्ड के रूप में प्राप्त हुआ। आपको बता दें कि जडेजा ने फाइनल मुकाबले में एक विकेट लिया और 6 गेंदों पर एक चौके की मदद से नाबाद 9 रन बनाए।