नई दिल्ली: भारत के लिए 1967 से 1974 के बीच 29 टेस्ट मैच खेलने वाले दिग्गज सैयद आबिद अली का बुधवार (12 मार्च) को कैलिफोर्निया में 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आबिद अली को मिडिम पेसर थे। वह बेहतरीन फिल्डर थे। इसके अलावा उनका रनिंग बिटविन द विकेट भी शानदार था।
भारत जब इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट मैच जीता तो उनके बल्ले से विजयी चौका निकली था। वह 1971 में ओवल में टेस्ट में नंबर 8 पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। इस मैच को जीतने के साथ भारत ने पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी। सैयद आबिद अली के नाम 1 ही मैच में ओपनिंग बैटिंग और बॉलिंग करने का रिकॉर्ड है।
उन्होंने अपने 29 टेस्ट मैचों में 47 विकेट लिए
आबिद अली ने 1974 और 1975 के बीच पांच वनडे मैच भी खेले, जो संयोग से भारत के पहले पांच वनडे मैच थे। उन्होंने अपने 29 टेस्ट मैचों में 47 विकेट लिए। इसमें एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली पारी में 55 रन देकर 6 विकेट लेना भी शामिल है। उनकी मिडियम पेस गेंदबाजी में बल्लेबाजों को तंग करने की पर्याप्त विविधता थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने टेस्ट में छह अर्द्धशतक लगाए। डेब्यू सीरीज में सिडनी में दो अर्द्धशतक लगाए थे।
आबिद अली, भारतीय क्रिकेट में एक प्रमुख नाम नहीं बन पाए। शायद इसका एक कारण भारत की दिग्गज स्पिन चौकड़ी के युग में गेंदबाज था। ये स्पिन चौकड़ी ईरापल्ली प्रसन्ना, बी एस चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी और श्रीनिवास वेंकटराघवन की थी। हालांकि, हैदराबाद के लिए आबिद मुख्य खिलाड़ी थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 20 सत्रों में 212 प्रथम श्रेणी के खेल खेले। 28.55 की औसत से 397 विकेट लिए और 13 शतकों और 41 अर्द्धशतकों के साथ 8732 रन बनाए।
आबिद अली ने अपना आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 1974 में अपना आखिरी वनडे जून 1975 में और अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच 1978-79 में खेला। आबिद अली ने रणजी ट्रॉफी में आंध्र के कोच की भी भूमिका निभाई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यूएई और मालदीव के साथ भी काम किया। अपनी मृत्यु के समय, वे परिवार के साथ कैलिफोर्निया के ट्रेसी में रह रहे थे।