नई दिल्ली: संजू सैमसन के साथी खिलाड़ी व राजस्थान रॉयल्स के ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर बासिल अली ने बड़ी चेतावनी दी। बासित ने पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए यशस्वी जायसवाल को अपना ध्यान वापस क्रिकेट पर केंद्रित करने की सलाह दे डाली। यशस्वी ने साल 2023 में इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने डेब्यू के बाद भारत के लिए टेस्ट और टी20 में कई यादगार पारियां खेली, लेकिन उनका हालिया फॉर्म काफी खराब है।
यशस्वी जायसवाल ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान काफी संघर्ष किया और आईपीएल 2025 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ 67 रन की पारी को छोड़कर वो किसी भी मैच में अपनी टीम के लिए अच्छी पारी नहीं खेल पाए हैं। बासित अली ने साफ तौर पर कहा कि यशस्वी में रन बनाने की भूख खत्म हो गई है और वो क्रिकेट पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ियों को रुला सकता है। उन्होंने पृथ्वी शॉ का उदाहरण दिया जिन्हें डेब्यू के बाद एक बड़े खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपना ध्यान खो दिया और भारतीय टीम से बाहर हो गए। बासित ने जायसवाल से खेल से प्यार करने और अपने जुनून को वापस लाने के लिए कहा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बासित ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि उनका पेट भर गया है। जायसवाल क्रिकेट पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह मेरा खुला संदेश है कि क्रिकेट आपको बहुत रुला सकता है। पृथ्वी शॉ को देखिए और क्रिकेट से प्यार करें साथ की इस खेल के लिए अपने जुनून को बनाए रखें। जायसवाल का हाल में जिस तरह का प्रदर्शन और फॉर्म है ऐसे में चयनकर्ता अन्य विकल्प की तरफ देख सकते हैं क्योंकि भारत ने प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। पंजाब किंग्स (PBKS) के ओपनर प्रियांश आर्य ने हाल ही में आईपीएल में किसी अनकैप्ड खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज शतक लगाया और उन्होंने सिर्फ 39 गेंदों में शतक बनाया, जबकि गुजरात टाइटन्स (GT) के साई सुदर्शन भी शानदार फॉर्म में हैं।
साई 5 मैचों में 273 रन बना चुके हैं और उनका प्रदर्शन लगातार अच्छा हो रहा है। बासिल अली ने भारत के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मौजूदगी को देखते हुए विराट कोहली और रोहित शर्मा के टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास लेने के फैसले की सराहना की। बासित ने कहा कि रोहित और विराट ने संन्यास लेने का सही फैसला लिया। मुझे लगा कि विराट को संन्यास नहीं लेना चाहिए था, लेकिन यह सही फैसला था। भारत में कई खिलाड़ी हैं जो आगे जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।