नई दिल्ली: पंजाब किंग्स की टीम को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मंगलवार को यहां कोलकाता नाइट राइडर्स के रूप में एक और चुनौतीपूर्ण प्रतिद्वंद्वी का सामना करना होगा। पंजाब किंग्स अंकतालिका में छठे स्थान पर हैं। वहीं केकेआर की टीम पांचवें नंबर पर हैं। यह मैच मुल्लांपुर के महाराजा यादविंद्र सिंह स्टेडियम में खेला जाएगा। मुल्लंपुर स्टेडियम के पिच को बल्लेबाजी के लिए अनुकूल माना जाता है। यहां अभी तक दो मैच खेले गए हैं जिनमें पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 200 से अधिक रन का स्कोर बनाया था। पंजाब किंग्स के दो स्पिनरों युजवेंद्र चहल और ग्लेन मैक्सवेल का मनोबल जरूर प्रभावित हुआ होगा क्योंकि इन दोनों ने पिछले मैच में सात ओवर में 96 रन लुटा दिए थे।
इसे देखते हुए पंजाब की टीम पिच को लेकर निश्चित तौर पर असमंजस की स्थिति में होगी। पंजाब अगर इस मैच के लिए सपाट विकेट तैयार करवाता है तो फिर इसकी कोई गारंटी नहीं कि उसके गेंदबाज 220 रन तक के स्कोर का बचाव कर लेंगे क्योंकि कोलकाता की टीम में सुनील नारायण, रिंकू सिंह और वेंकटेश अय्यर जैसे आक्रामक बल्लेबाज हैं। पंजाब अगर धीमा विकेट तैयार करवाता है तो उसका यह दांव भी उल्टा पड़ सकता है क्योंकि नाइट राइडर्स के पास वरुण चक्रवर्ती और सुनील नारायण जैसे स्पिनर है जो अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाने में माहिर हैं।
कोलकाता और पंजाब के हेड टू हेड रिकॉर्ड में केकेआर का पलड़ा भारी नजर आता है। अब तक के सीजन में दोनों टीमें 33 बार भिड़ चुकी हैं। इसमें कोलकाता ने 21 बार पंजाब को हराया है। वहीं, पंजाब के खाते में सिर्फ 12 बार जीत आई है। दोनों टीमों के बीच अभी तक मुल्लंपुर में एक भी मैच नहीं खेला गया है। दोनों इस मैदान पर पहली बार आमने-सामने होंगी। मुल्लंपुर स्टेडियम के रिकॉर्ड की बात तकें तो यहां पंजाब किंग्स ने 7 मुकाबले खेले हैं। इन सात मैचों में से पंजाब किंग्स ने 2 मैचों में जीत हासिल की है वहीं 5 मैचों में उसकी विपक्षी टीम को जीत मिली है। इस मैदान पर सर्वोच्च टीम स्कोर राजस्थान रॉयल्स ने 2025 में बनाया था। उन्होंने पंजाब के खिलाफ 205/4 रन बनाए थे।
एक्यूवेदर के मुताबिक पंजाब किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के मैच के दौरान बारिश की संभावना न के बराबर नजर आ रही है। मैच के दौरान तापमान के लगभग 35 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है लेकिन शाम में यह 26 डिग्री तक हो सकता है। वही इस मैच के दौरान बादल छाए रह सकते हैं। मुल्लंपुर के महाराजा यादवेंद्र सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अब तक खेले गए मैचों में ओस काफी कम नजर आई थी, लेकिन अब यहां भी ओस को बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। ओस की संभावना के बीच यहां अब टॉस बेहद अहम होने वाला है। टॉस जीतने वाली टीम यहां पहले गेंदबाजी का विकल्प चुन सकती है।