नई दिल्ली: तेलंगाना हाई कोर्ट ने सोमवार (21 अप्रैल) को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) पर दैनिक भुगतान या कर्मचारियों के वेतन के अलावा किसी भी अन्य चीज के लिए किसी भी फंड का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया। अन्य लेन-देन के लिए उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा। एचसीए को अगले नोटिस तक कोई भी प्रशासनिक निर्णय नहीं लेने के लिए भी कहा गया है।
जस्टिस सीवी भास्कर रेड्डी की अगुआई वाली पीठ ने तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन (TCA) की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। टीसीए की याचिका में वित्तीय अनियमितताओं के मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टीसीए सचिव धरम गुरव रेड्डी ने सीबीआई जांच की मांग के कारण, “पहले जो भी अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज की गई थीं वे एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) में दर्ज की गई थीं। एसीबी एक राज्य स्तरीय संस्था है। उन्होंने अपना काम किया, लेकिन अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई।”
कोई अधिकार क्षेत्र नहीं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धरम गुरव रेड्डी ने कहा, “हमें लगा कि राज्य की सभी एजेंसियां जो एक राज्य के नियंत्रण में हैं या राज्य की सीमा के भीतर हैं। उन्हें कल कोई समस्या हो सकती है, या यह वास्तविक कारण हो सकता है कि वे आगे नहीं बढ़ पा रही हैं, क्योंकि फंड बीसीसीआई से आ रहा है। इसका मुख्यालय बॉम्बे में है और निर्णय वहीं लिए जाते हैं। अधिकांश निर्णय वहीं लिए जाते हैं और इनमें से किसी भी एजेंसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। “
BCCI और CBI ने आपत्ति नहीं जताई
दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई और सीबीआई दोनों के वकील कोर्ट में मौजूद थे और दोनों में से किसी ने भी इस मामले पर कोई आपत्ति नहीं जताई। कोर्ट के ध्यान में यह भी लाया गया है कि एचसीए के अध्यक्ष जगन मोहन राव, सचिव और कोषाध्यक्ष बिना उचित अनुमति के चेक पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई और सीबीआई दोनों के वकील कोर्ट में मौजूद थे और दोनों में से किसी ने भी इस मामले पर कोई आपत्ति नहीं जताई। कोर्ट के ध्यान में यह भी लाया गया है कि एचसीए के अध्यक्ष जगन मोहन राव, सचिव और कोषाध्यक्ष बिना उचित अनुमति के चेक पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
एचसीए शीर्ष परिषद दो गुट में बंट
गुरव रेड्डी ने यह भी दावा किया कि मौजूदा एचसीए शीर्ष परिषद दो गुट में बंट गया है। इसमें सत्ता के लिए लगातार रस्साकशी चल रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेड्डी ने कहा “एक गुट में अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष हैं, जबकि दूसरे गुट में उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और काउंसलर हैं। इसलिए, इस उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और काउंसलर ने हाल ही में एक मुकदमा दायर किया है, अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष समूह के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वे धन का दुरुपयोग कर रहे हैं, एकतरफा निर्णय ले रहे हैं और बिना प्राधिकरण के चेक पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।”