नई दिल्ली: स्मृति मंधाना की आक्रामक शतकीय पारी के बाद गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने महिला त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के फाइनल में रविवार को श्रीलंका को 97 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया। उमस भरे मौसम में ऐंठन से जूझते हुए बाएं हाथ की इस कलात्मक बल्लेबाज ने 101 गेंदों पर 116 रन की शानदार पारी खेली। भारतीय उपकप्तान ने फाइनल में अपनी पारी के दौरान 15 चौके और दो छक्के लगाये।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 342 रन का बड़ा स्कोर खड़ा करने के बाद स्नेह राणा के चार और अमनजोत कौर के तीन विकेट से श्रीलंका की पारी को 48.2 ओवर में 245 रनपर समेट दिया। श्रीलंका के लिए कप्तान चमारी अटापट्टू ने सबसे ज्यादा 66 गेंद 51 रन का योगदान दिया। नीलाक्षी डिसिल्वा ने 48 रन की पारी खेली।
मंधाना ने 21 रन पर मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए अट्टापट्टू के खिलाफ लगातार चार चौके जड़कर वनडे करियर का 11वां शतक पूरा किया। सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल (30) के साथ 89 गेंद में 70 रन की साझेदारी टूटने के बाद मंधाना ने तेजी से रन बनाना शुरू किया। उन्होंने हरलीन देओल (56 गेंद में चार चौके की मदद से 47 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए 106 गेंद में 120 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी को देवमी विहंगा ने मंधाना को आउट कर तोड़ा।
मंधाना ने आउट होने से पहले बड़े स्कोर की नींव रख दी थी। कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स ने इसके बाद तेजी से रन जुटाये लेकिन दोनों अर्धशतक पूरा करने से चूक गयीं। हरमनप्रीत ने 30 गेंद में चार चौके और एक छक्का की मदद से 41 रन की पारी खेली जबकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 123 रन बनाने वाली जेमिमा ने 29 गेंद की ताबड़तोड़ पारी में चार चौके की मदद से 44 रन बनाये। दीप्ति शर्मा (14 गेंद में नाबाद 20) और अमनजोत कौर (12 गेंद में 18) ने आक्रमक रवैया जारी रखा जिससे भारत ने आखिरी 10 ओवर में 90 रन बटोर कर स्कोर को 340 रन के पार ले जाने में सफल रहा। श्रीलंका के लिए सुगंधिका कुमारी सबसे सफल गेंदबाज रही। उन्होंने 59 रन देकर दो विकेट लिये। विहंगा (69 रन पर दो विकेट) और मालकी मदारा (74 रन पर दो विकेट) को भी दो-दो सफलता मिली।
खराब रही श्रीलंका की शुरुआत, पहले ही ओवर में गंवाया विकेट श्रीलंका ने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए पहले ओवर में ही अमनजोत की गेंद पर हसिनी परेरा (शून्य) का विकेट गंवा दिया। अटापट्टू और विष्मी गुणारत्ने (41 गेंद में 36 रन) दूसरे विकेट के लिए तेजी से रन जुटाये। हरमनप्रीत ने इसके बाद गेंद दीप्ति को थमाई जिन्होंने रनगति पर ब्रेक लगा दिया। इसका फायदा अमनजोत ने परेरा को आउट कर उठाया।
परेरा और अटापट्टू ने दूसरे विकेट की 80 गेंद में 68 रन की साझेदारी को तोड़ा। पदार्पण कर रही भारतीय गेंदबाज क्रांति गौड़ पहला विकेट लेने से चूक गयी क्योंकि विकेटकीपर रिचा घोष अटापट्टू को स्टंप करने में चूक गयी। क्रांति इसके बाद अपनी ही गेंद पर नीलाक्षी का कैच टपका दिया। अटापट्टू हालांकि अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद राणा की गेंद पर बोल्ड हो गयी। जरूरी रन गति के बढ़ने के साथ ही नीलाक्षी भी दबाव में राणा का दूसरा शिकार बन गयी। भारतीय गेंदबाजों ने इसके बाद शिकंजा कसा रखा और श्रीलंका की टीम लगातार अंतराल पर विकेट गंवाते रही।