नई दिल्ली: भारत के सुनहरे भाले के नायक, दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने आखिरकार वो कर दिखाया, जिसका इंतजार पूरे देश को बेसब्री से था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दोहा में आयोजित डायमंड लीग में 90 मीटर का जादुई आंकड़ा पार कर लिया। यह उपलब्धि न केवल नीरज के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे है उनके नए कोच, जैवलिन थ्रो के दिग्गज जैन जेलेनी का मार्गदर्शन, जिन्होंने खुद कई बार 90 मीटर की दूरी को छुआ और विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।
दोहा डायमंड लीग में नीरज ने अपने तीसरे प्रयास में 90 मीटर की दूरी पार की। खास बात यह रही कि इस थ्रो को नीरज ने अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो नहीं माना। उनके अनुसार, इस थ्रो में वह बल था, जो सामान्यतः भाला फेंक में चाहिए, लेकिन फिर भी 90 मीटर का आंकड़ा पार हो गया। इस उपलब्धि के बाद नीरज ने रेवस्पोर्ट्स को दिए विशेष साक्षात्कार में अपनी खुशी और आत्मविश्वास को साझा किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नीरज ने कहा, “हमारी तैयारियों को देखते हुए मुझे पता था कि 90 मीटर का थ्रो आने वाला है। आज मेरे दो थ्रो 88 मीटर से अधिक थे। कोच जैन जेलेनी भी कह रहे थे कि मैं और बेहतर कर सकता हूं। फरवरी से मैं उनके साथ काम कर रहा हूं और मेरी तकनीक में कुछ बदलाव हो रहे हैं। 90 मीटर का बैरियर पार करने से मैं बहुत खुश हूं।”
पिछले कुछ समय से नीरज 88-89 मीटर की दूरी लगातार पार कर रहे थे, लेकिन 90 मीटर का आंकड़ा एक दीवार की तरह उनके सामने खड़ा था। कई लोग सवाल उठा रहे थे कि क्या नीरज इस आंकड़े को छू पाएंगे। लेकिन नीरज और उनके कोच जेलेनी की रणनीति ने इन सभी सवालों को चुप करा दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नीरज ने कहा, “लोगों के मन में 90 मीटर को लेकर सवाल थे। कुछ लोग कह रहे थे कि यह नहीं हो पाएगा। लेकिन अब यह बैरियर टूट गया है और मुझे लगता है कि मैं इससे भी आगे जा सकता हूं।” दोहा में प्रतियोगिता से पहले नीरज का आखिरी प्रशिक्षण सत्र बेहद हल्का था। कोई थ्रो नहीं, केवल स्ट्रेचिंग और थोड़ी दौड़। गुरुवार को उन्होंने भाला भी नहीं उठाया। यह थी उनकी रणनीति और योजना, जो जेलेनी के अनुभव और नीरज की मेहनत का नतीजा थी।
जैन जेलेनी, जिन्हें भाला फेंक का पर्याय माना जाता है उन्होंने नीरज के खेल में नई जान फूंकी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नीरज ने जेलेनी के साथ काम करने के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “उनके साथ काम करने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। उनकी मौजूदगी ही सकारात्मकता लाती है। वह विश्व रिकॉर्ड धारक हैं, इसलिए उनकी हर बात को मैं ध्यान से सुनता हूं और उस पर काम करता हूं। उनके साथ सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे इतना अच्छा कोच मिला।” नीरज ने अपने पिछले कोच क्लाउस के साथ भी अच्छे अनुभवों का जिक्र किया, लेकिन जेलेनी की तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव ने उनके खेल को नई दिशा दी है।
भाला फेंक एक ऐसा खेल है, जिसमें चोट लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। नीरज ने अपने फिजियो ईशान मरवाहा की भूमिका को भी सराहा, जो लंबे समय से उनके साथ हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नीरज ने कहा, “ईशान मेरी चोटों को रोकने में बहुत मदद करते हैं। उनकी वजह से मैं लगातार खेल पा रहा हूं।”
90 मीटर का बैरियर तोड़ने के बाद नीरज अब और बड़े सपने देख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, “अब मैं 90 मीटर को बार-बार पार करना चाहता हूं, जैसे मैं 88-89 मीटर को लगातार पार करता था। मैंने लगभग सभी बड़े खिताब जीते हैं, लेकिन 90 मीटर का लक्ष्य बाकी था। अब यह पूरा हुआ है। अब मेरा लक्ष्य है कि जब तक मैं खेलता हूं, भारत का झंडा ऊंचा रखूं।”दोहा में जर्मनी के जूलियन वेबर ने भी 90 मीटर का थ्रो किया, जिससे यह प्रतियोगिता और रोमांचक हो गई। नीरज ने वेबर की उपलब्धि की भी सराहना की और कहा कि यह सीजन बहुत बड़ा होने वाला है, क्योंकि सितंबर में विश्व चैंपियनशिप होने वाली है।