नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैच की टेस्ट सीरीज के लिए टीम का चयन करने को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर चयन समिति तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को दौरे से बाहर कर सकती है। बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने बोर्ड को सूचित किया है कि 34 वर्षीय तेज गेंदबाज लंबे स्पैल नहीं कर पाएंगे। उनके सभी पांच टेस्ट मैच खेलने की संभावना भी बहुत कम है।
मोहम्मद शमी को भारतीय टीम के साथ ले जाने और उन्हें कुछ मुकाबलों में खिलाने पर विचार-विमर्श किया गया। चूंकि जसप्रीत बुमराह ने पहले ही बीसीसीआई को सूचित कर दिया है कि उनका शरीर तीन टेस्ट मैच से अधिक नहीं झेल सकता है। ऐसे में चयन समिति इस दुविधा में है कि क्या इसी तरह के अनिश्चित गेंदबाज को टीम में शामिल किया जाए, जो शायद कुछ ही मैच खेल पाए। इससे भारतीय टीम की योजना भी प्रभावित होती है।
मोहम्मद शमी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जून 2023 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान ओवल में खेला था। शमी के बाहर होने से बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह या हरियाणा के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज अंशुल कम्बोज के लिए जगह खुल सकती है। अंशुल कम्बोज ने 22 प्रथम श्रेणी मैच में 74 विकेट लिए हैं। अर्शदीप सिंह खासतौर पर काउंटी क्रिकेट के अपने पिछले सीजन के अनुभव को देखते हुए डार्क हॉर्स साबित हो सकते हैं। तब उन्होंने केंट का प्रतिनिधित्व किया था। चयन समिति ने इंग्लैंड दौरे के लिए पहले ही इंडिया ए टीम के लिए कम्बोज को चुन लिया था।
पांच सदस्यीय समिति की कुछ दिनों में बैठक होने की उम्मीद है। तभी वे आधिकारिक तौर पर टेस्ट क्रिकेट के लिए अपने नए कप्तान की घोषणा करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहले बताया था कि शुभमन गिल भारतीय टेस्ट टीम की अगुआई करने की रेस में सबसे आगे हैं। पता चला है कि शुभमन गिल ने भारतीय टीम के कोच गौतम गंभीर और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर के साथ बैठक की थी।
मोहम्मद शमी को 2024 में टखने की सर्जरी करानी पड़ी थी, जिसके कारण उन्हें लगभग एक साल तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था। उन्होंने इस साल की शुरुआत में टी20 फॉर्मेट के जरिये वापसी की और बाद में चैंपियंस ट्रॉफी का भी हिस्सा रहे। यूपी के रहने वाले और रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेलने वाले मोहम्मद शमी भारत के लिए कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में हिस्सा नहीं ले पाए हैं। इसमें पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज में हुआ टी20 विश्व कप और हाल के महीनों में ऑस्ट्रेलिया में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शमी ने अपनी रिकवरी के बाद BCCI टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘मैंने पूरे एक साल तक इंतजार किया और कड़ी मेहनत की। दौड़ते समय भी डर बना रहता था कि क्या होगा और क्या नहीं होगा। किसी भी खिलाड़ी के लिए पूरी तरह से फिट होने के बावजूद चोटिल होना बहुत मुश्किल होता है। फिर रिहैबिलिटेशन के लिए NCA जाना और वापसी करना। जब आप चोटों से गुजरते हैं, तो मुझे लगता है कि आप एक एथलीट के तौर पर मजबूत होते हैं, क्योंकि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ बहुत सी चीजों को दोहराना होता है।’