नई दिल्ली: हमेशा ही एक शांत दिखने वाले और चेहरे पर एक सा ही भाव लिए गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) को देख कर कभी नहीं लगा कि वे दक्षिण अफ्रीका के लिए बहुत सफल बल्लेबाजों में से एक हैं. लेकिन गैरी एक सफल बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन कोच भी साबित हुए. गैरी की शागिर्दी में ही टीम इंडिया ने साल 2011 में भारत को दूसरा आईसीसी विश्व कप खिताब जीतने में कामयाब हो सकी. गैरी शनिवार को 51 साल के हो रहे हैं.
धीरे-धीरे दुनिया में छाए गैरी
शुरुआत में गैरी का करियर बहुत शानदार नहीं रहा, लेकिन वे जल्दी ही दुनिया भर की निगाह में आ गए. वे दक्षिण अफ्रिका के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले पहले क्रिकेटर बने. और अपने देश के लिए सबसे पहले 20 शतक लगाने वाले बल्लेबाज भी. इतना ही नहीं वे दक्षिण अफ्रीका के लिए 5000 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बने.
वह 188 रन की रिकॉर्ड पारी
गैरी का शांत स्वभाव उनके जुझारूपन और धैर्य की बेमिसाल क्षमता को तो बयां करता है, लेकिन उनके रिकॉर्ड ही उनकी सही काबलियत और क्षमताओं को सही तरीके से बता पाती हैं. 1996 वर्ल्ड कप में उन्होंने यूएई के खिलाफ नाबाद 188 रनों की पारी खेली थी जो 2015 के विश्व कप तक बेस्ट पारी रही.
21 शतक भी रहे खास
गैरी ने अपने टेस्ट करियर में 21 शतक लगाए और इनमें से 8 शतक में 150 प्लस का स्कोर किया. इन 21 शतकों में से 11 शतक वाले मैचों में गैरी की टीम को को जीत हासिल हुई है वहीं 9 शतकों वाले मैच ड्रॉ रहे जबकि केवल एक टेस्ट में उनकी टीम को हार मिली. कर्स्टन ने ही सबसे पहले सभी नौ टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ शतक लगाए हैं.
कोचिंग में भारत को पहुंचाया ऊंचा
साल 2007 का विश्व कप टीम इंडिया के लिए बहुत खराब रहा था जहां टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई थी. इसके बाद गैरी ने टीम इंडिया का कोच पद संभाला और टीम इंडिया के टेस्ट में पहली बार नंबर एक स्थान दिलाया. इसके बाद गैरी की कोचिंग में ही एमएस धोनी ने 2011 का विश्व कप उठाया.