नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के गठन के लिए हुए चुनावों में पर्यवेक्षक भेजने के आग्रह के बावजूद अनुपस्थित रहने वाले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कहा कि चुनाव अच्छी तरह से संपन्न हो गए हैं और वह नव गठित कार्यकारिणी को मान्यता देने पर विचार करेगा। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) दोनों ने चुनावों में अपना पर्यवेक्षक भेजने के लिए आईओए से आग्रह किया था। लेकिन रविवार को हुए चुनावों में आईओए का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा था जिससे यह संदेह पैदा हो गया था कि फिर से उसका रवैया कड़ा हो सकता है। उसने इससे पहले बाक्सिंग इंडिया को भी मान्यता देने से इन्कार कर दिया था। आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (जो 2012 में बर्खास्त किये जाने तक खेल का संचालन करता था) अब भी आईओए का सदस्य है। हमें बताया गया है कि राज्य इकाईयों ने बीएफआई को हलफनामा दिया है कि उन्होंने आईएबीएफ की सदस्यता छोड़ दी है। हम इन शपथ पत्रों की जांच करके अगले महीने फैसला करेंगे। आईएबीएफ की एआईबीए और खेल मंत्रालय दोनों ने ही मान्यता रद्द कर दी थी लेकिन वह फिर से मुख्यधारा में लौटने की कोशिश कर रहा है और दिल्ली हाईकोर्ट में मामला लंबित है। मेहता ने कहा कि हालांकि आईओए ने मुंबई में बीएफआई चुनावों में औपचारिक तौर पर प्रतिनिधि नहीं भेजा था लेकिन उन्हें चुनावों के बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिक्रिया मिली है कि चुनाव अच्छी तरह से संपन्न हुए और बीएफआई को मान्यता देने का मसला एक महीने के अंदर आईओए में रखा जाएगा। देखते हैं कि चीजें आगे कैसे बढ़ती हैं।