ग्लास्गो,ओलंपिक रजत पदक विजेता भारत की पीवी सिंधू को रविवार (27 अगस्त) को यहां विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के महिला एकल फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे मैच में शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा और साथ ही वह इस खेल में देश की पहली विश्व चैंपियन बनने से भी चूक गई. दुनिया की चौथे नंबर की भारतीय खिलाड़ी सिंधू को एक घंटा और 50 मिनट चले मुकाबले में दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ओकुहारा के खिलाफ 19-21, 22-20, 20-22 से हार झेलनी पड़ी.
ओकुहारा ने इससे पहले सेमीफाइन में भारत की ही एक अन्य दिग्गज खिलाड़ी साइना नेहवाल को हराया था. ओकुहारा जापान के लिए विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला हैं.इससे पहले ओलंपिक रजत पदकधारी पीवी सिंधू ने चीन की चेन युफेई पर आसान जीत से विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया था. बाईस वर्षीय सिंधू ने दुनिया की 10वें नंबर की चेन को रविवार रात महिला एकल के सेमीफाइनल में सीधे गेम में 21-13 21-10 से जीत दर्ज की थी. वहीं दूसरी ओर जापान की नोजोमी ओकुहारा ने शनिवार (26 अगस्त) को पहले सेमीफाइनल में साइना को 12-21 21-17 21-10 से मात दी थी. साइना के सेमीफाइनल में हारने से भारतीय खिलाड़ियों के बीच फाइनल मुकाबले की उम्मीद भी समाप्त हो गयी थी.
सिंधू के इस पदक के साथ भारत ने विश्व चैम्पियनशिप में अपने पदकों की संख्या 6 कर ली है, जिसमें दो रजत (सिंधू ने 2017 में, साइना ने 2015 में) और चार कांस्य पदक शामिल हैं. प्रकाश पादुकोण 1983 में पुरुष एकल में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे जिसके बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की भारतीय महिला युगल जोड़ी ने 2011 में कांस्य पदक अपने नाम किया था. इस जीत से सिंधू विश्व चैम्पियनिशप के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बन गयी हैं, इससे पहले जकार्ता में पिछले चरण में साइना ने यह उपलब्धि हासिल की थी.