दुबई। भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया एशिया कप का फाइनल मुकाबला ठीक उसी तरह का हुआ जिसका हर क्रिकेट प्रेमी उम्मीद करता है. टूर्नामेंट की दो सर्वश्रेष्ट टीमों के बीच हुआ यह मुकाबला आखिरी गेंद तक पहुंचा. अगर कहें क्रिकेट फैंस के लिए ये ड्रीम फाइनल था तो गलत नहीं होगा.
इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने जीत तो हासिल कर ली लेकिन बांग्लादेश की टीम ने अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल जीत लिया. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की टीम ने 50 ओवर में 222 रन बनाए. इस लक्ष्य को भारतीय टीम ने 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया और 7वीं बार एशिया कप पर कब्जा कर लिया.
एक समय बांग्लादेश 20 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान पर 120 रन बनाकर बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ता दिख रहा था. लेकिन भारतीय टीम के स्पिनर केदार जाधव ने एक बार फिर गेंद से कमाल किया और भारत को पहली सफलता दिलाई. बांग्लादेश का पहला विकेट गिरते ही मैच का पासा पलटा और भारतीय टीम ने मैच में जबरदस्त वापसी की. कुलदीप, केदार और चहल की स्पिन तिकड़ी के आगे बांग्लादेशी बल्लेबाजों की एक न चली और एक करके सब निपटते गए. 223 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही. शानदार फॉर्म में चल रहे शिखर धवन के रूप में भारतीय टीम को पहला झटका लगा.
बांग्लादेशी गेंदबाज निरंतर अंतराल पर विकेट चटकाते रहे. हालांकि जब दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी कर रह थे तो ऐसा लग रहा था भारतीय टीम आसानी से लक्ष्य को हासिल कर लेगी. लेकिन कार्तिक के आउट होते ही भारतीय टीम दबाव में आ गई और 30 रन बाद ही धोनी भी पवेलियन लौट गए. हालांकि बाद में केदार जाधव, रविंद्र जाडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने अहम योगदान दिया.
7वीं बार एशिया कप पर कब्जा
भारतीय टीम ने 7वीं बार एशिया कप पर कब्जा किया है. भारत इससे पहले 1984, 1988, 1990/91, 1995, 2010, 2016 में एशिया कप का चैंपियन बन चुका है. एशिया कप के इतिहास में भारत ही एक ऐसी टीम है जिसने सबसे ज्यादा 7 बार यह खिताब अपने नाम किया है.