भुवनेश्वर। आत्मविश्वास और हौंसलों से लबरेज भारतीय हाकी टीम खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर दर्शकों की जबर्दस्त हौसलाअफजाई के बीच अपना पहला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को खेले गई तो उसका इरादा विश्व कप में 43 साल से पदक नहीं जीत पाने का मलाल मिटाने का होगा। आठ बार की ओलिंपिक चैंपियन भारतीय टीम 1975 में एकमात्र विश्व कप जीती थी जब अजित पाल सिंह और उनकी टीम ने इतिहास रच डाला था। हॉकी विश्ब कप की शुरुआत 1971 में हुआ था और दूसरी बार के विश्व कप में भारत चैम्पियन बना था और तब से अब तक भारतीय टीम अपने मंसूबे को पूरा नहीं कर पाई है। लेकिन इस बार भारत की मेजबानी में होने वाले कप में एक नया इतिहास रच सकती है।
पूल सी के मुकाबले में मेजबान भारत बुधवार को अपने अभियान का आगाज करेगा। उसके बाद से एशियाई धुरंधर भारतीय टीम नीदरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के स्तर तक पहुंचने में नाकाम रही। पिछले चार दशक से यूरोपीय टीमों ने विश्व हॉकी पर दबदबा बनाए रखा है। भारत ने 1975 के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मुंबई में 1992 में हुए विश्व कप में किया जब वह पांचवें स्थान पर रहा था।