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Sunday, November 24, 2024

फार्म में चल रहे आशुतोष और अंकुश की टीम में हो रही उपेक्षा, चयनकताओं द्वारा पक्षपात

भोपाल। मप्र की क्रिकेट की टीम चुनने में चयनकताओं द्वारा पक्षपात किया जा रहा है। चयन में रणजी से लेकर अंडर-23 टीम और उससे कम आयु वर्ग की टीमों का चुनने में मनमानी चल रही है। यहां प्रदर्शन को दरकिनार किया जा रहा है। कर्नल सीके नायुडू ट्रॉफी अंडर-23 टूर्नामेंट में खेलने वाली टीम में आशुतोष वर्मा के बाद अब घरेलू क्रिकेट में शीर्ष पर खेल चुके अंकुश सिंह को भी टीम से बाहर कर दिया गया है।

इसके विपरीत असफल साबित हो रहे ऋषभ चौबे को टीम में चुन लिया गया है। कूच बिहार ट्रॉफी के तीन मैच में ७० उच्च स्कोर के साथ 200 रन बनाने वाले अंकुश बाकी मैच इसलिए नहीं खेले थे, क्योंकि उनके दाहिने हाथ में चोंट लगी थी। वीनू मांकड़ ट्रॉफी में भी वे मात्र चार मैच खेल सके थे और 230 रन बनाए थे।

 

फिर वीनू मांकड़ जोन में उन्होंने तीन मैच में ७७ उच्चतम स्कोर के साथ १७० रन बनाए। इस बार वीनू मांकड़ स्टेट और जोन में अंकुश ने 400 रन बनाए थे। अंडर-23 में भी बीते दिनों अंकुश ने तमिलनाडू के खिलाफ ओपनिंग करते हुए ६७ और ३१ के स्कोर किए।

फिर से इन प्रदर्शन को दरकिनार करते हुए उन्हें टीम से बाहर की कर दिया गया। प्रारंभिक बल्लेबाज आशुतोष शर्मा ने सीनियर डिवीजन में उज्जैन के लिए एक शतक सहित ५०० रन बनाए। यह वही मैच था, जिसमें इंदौर ने पहली पारी की बढ़त का वल्र्ड रेकॉर्ड बनाया था। उज्जैन के 200 रन में से 130 रन तो आशुतोष के ही थे। आशुतोष ने अंडर-23 इंटर डिवीजनल मैचों में ५५० रन बनाए थे, जो सबसे ज्यादा थे। राजस्थान के खिलाफ ट्रायल मैच में मप्र की टीम ८० रन पर आउट हो गई थी, उसमें सबसे बड़ा स्कोर २५ रन आशुतोष का था।

उन्हें यह कहकर टीम में नहीं लिया गया कि आप उस मैच में असफल रहे थे।

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