भोपाल। 60 होते-होते लोगों का चलना भी मुश्किल होने लगता है, लेकिन शहर में एक ऐसे शख्स भी जो 59 की उम्र में दौड़ते ही चले जा रहे हैं, वे रुकने का नाम नहीं ले रहे। हम बात कर रहे हैं शहर के 59 वर्षीय अशोक बाथम की। वे अपने कॅरियर की 84वीं मैराथन पूरी करने को तैयार हैं। उनका चयन 20 जनवरी को होने वाली देश की प्रतिष्ठित टाटा मुंबई मैराथन के लिए हुआ है। इसके लिए वह 18 जनवरी को रवाना होंगे। वहां वे 42 किमी की मैराथन में दौड़ लगाएंगे।
100वीं मैराथन तक दौड़ूंगा
अशोक बताते हैं कि उनका मकसद अपनी 100 रेसें पूरी करना है। वे 1987 से दौड़े रहे हैं। उन्हें प्रेरणा 1987 में हॉकी ओलंपियन शंकर लक्ष्मण से मिली थी, तब वे भोपाल में देश की 40वीं वर्षगांठ पर आयोजित मैराथन रेस में उनके साथ दौड़े थे। बस तभी से दौडऩा उनका जिंदगी का अहम हिस्सा बना गया है। बैरागढ़ निवासी अशोक माध्यमिक शिक्षा मंडल में फोर्थ ग्रेड की नौकरी करते हैं।
मेरे लिए दौडऩा तीर्थ से कम नहीं हैं
वे बताते हैं कि मेरे लिए दौडऩा तीर्थ से कम नहीं हैं। अपनी रेसों के दौरान में देश के कई राज्यों में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों का भ्रमण करता हूं, वहां मुझे लोग मिलते हैं और मेरी इस जुनून को देखकर हैरान भी हो जाते हैं। बता दें कि अशोक को उनके परिवार वाले दौडऩे के लिए मना करते थे, लेकिन उनके इस हौंसलें और जुनून के आगे उन्होंने भी हार मान ली हैं। उनके परिवार में दो बेटे, दो बेटी और पत्नी हैं।
एक दिन में दौड़ते हैं 21 किमी
वे अपनी अपने फिटनेस को बरकरार रखने के लिए दिन में 21 किमी तक दौड़ते हैं। वे सुबह चार बजे उठते हैं और बैरागढ़ से मिसरोद तक का सफर तय करते हैं। इतना ही नहीं शाम को आफिस के घर भी वह पैदल ही चले जाते हैं। अपनी एनर्जी बनाए रखने के लिए वे नॉनवेज खाते हैं।
भोपाल में पूरी की 83 मैराथन
उन्होंने हाल ही भोपाल में आयोजित सीबीआई मैराथन में दौड़े थे यह उनकी 83 मैराथन थी। जिसमें वे तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्होंने कुल 83 मैराथन दौड़ी और 22 में विनर बने। इस दौरान उन्होंने बड़ौदा इंटरनेशनल मैराथन, गोवा मैराथम, कोच्चि मैराथन, हैदराबाद मैराथन और देश की सबसे बड़ी दिल्ली मैराथन में दौड़ चुके हैं। पिछले साल उन्होंने 42 किमी की कारगिल मैराथन में पांचवा स्थान हासिल किया है।