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Sunday, November 24, 2024

MS Dhoni Birthday: माही आएगा और घुमा-घुमाकर हेलीकॉप्टर शॉट लगाएगा, साथी खिलाड़ी का दावा

नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धौनी आज 39 साल के हो गए, लेकिन उनका जोश और जुनून अभी भी वैसा ही है जैसा पहले था। मेरी माही भाई से हाल ही में बात हुई थी। मैंने उनसे कहा था कि शायद 2004 के बाद आप पहली बार माता-पिता और घर वालों के साथ जन्मदिन मना रहे हो, इससे अच्छी बात कोई नहीं हो सकती है। अभी उनकी शादी की सालगिरह भी थी। मुझे अच्छा लग रहा है कि वह अपनी व्यस्त जिंदगी में कुछ समय परिवार वालों को दे रहे हैं।

कभी बाइक चला रहे हैं, कभी ट्रैक्टर चला रहे हैं। वैसे वह इतने व्यस्त रहते हैं कि कभी आइपीएल तो कभी इंग्लैंड तो कभी दक्षिण अफ्रीका। जब क्रिकेट नहीं तो एड शूट या ब्रांडिंग। इस समय उन्हें समय मिला है और वह उसका पूरा इस्तेमाल भी कर रहे हैं। माही लीजेंड हैं। उम्मीद है जल्द ही आइपीएल होगा और वह खेलते दिखाई देंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो सबसे ज्यादा नुकसान माही, मुझे, विराट और रोहित को होगा क्योंकि हम चार भारतीय बल्लेबाज हैं जो 13 साल से इस टूर्नामेंट में हैं। एक तरह से इसे आप लीगेसी कह सकते हैं।

वह पहली मुलाकात

वर्ष 2003-04 की बात है। ईस्ट जोन और सेंट्रल जोन का मैच था। ज्ञानू भाई (ज्ञानेंद्र पांडेय) और जेपी भाई बोले कि देखते हैं कौन है धौनी जो बहुत छक्के मारता है। जेपी भाई बोलते हैं ये तो बहुत सीधा है, बटर चिकन और रोटी खाता है। हमने सुबह बनाए 338 रन, जिसमें मैंने शतक लगाया। कप्तान थे कैफ भाई। उन्होंने राजकोट के पाटे विकेट में चार स्लिप लगाई। उनकी तरफ से शिवसुंदर आउट हुए, दो बल्लेबाज और आउट हुए। उसके बाद आया महेंद्र सिंह धौनी बल्ला घुमाता हुआ। उसने छक्के मारना शुरू किया। दो ओवर में तीसरी स्लिप हटी, फिर आठ ओवर में गली हटी। 10 ओवर बाद पीछे सिर्फ विकेटकीपर खड़ा था। सारे फील्डर बाउंड्री पर पहुंच गए। अब्बास अली के हर ओवर में तीन छक्के। मैंने कहा कि धौनी भाई क्या कर रहे हो। उसने कहा कि अपने कप्तान साहब को कहो कि ये पाटा विकेट में स्लिप क्यों रखे हो, वहां बॉल नहीं जाएगी। फिर उसने प्रवीण गुप्ता को देखा कि अरे तुम भी खेल रहो हो। कैफ से कहा इससे भी तो गेंदबाजी कराओ। इसके बाद तो यह हुआ कि बस जल्दी मैच खत्म हो और हम लोग फ्री हों। तब मैं उनसे पहली बार मिला था। उसके बाद हमारी मुलाकात 2005 में हुई। टीम इंडिया के कैंप में वह हमारे पार्टनर थे।

क्रिकेट किसी की जागीर नहीं

वह बहुत अच्छा इंसान है। ऐसे कप्तान बहुत कम मिलते हैं। चाहे वह चेन्नई सुपरकिंग्स हो या टीम इंडिया, जब वह कप्तानी करते हैं तो अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए पागल रहते हैं। 2018 में आपने देखा होगा कि जब मैं उसे पानी दे रहा था वह रो रहा था। 2010 में आपने देखा होगा कि जब इरफान पर छक्का पड़ा था तो अपने सिर पर घुसा मारा, ये दिखाता है कि अपनी टीम के लिए वह कितना सोचता है। सभी लड़कों को खासकर मुझे उनसे सीखने का मौका मिला। उन्होंने संदेश दिया यह क्रिकेट किसी का मोहताज नहीं है और ना ही ये किसी की व्यक्तिगत जागीर है। ये टीम गेम है। अगर कप्तान आखिरी गेंद पर छक्का मार रहा है तो आपको भी ऐसे ही खेलना है और सारे के सारे लोगों को भी ऐसे ही करना होगा। वह हमेशा मुझसे कहते हैं कि तू आउट हुआ तो मैच हार जाएंगे। तू मैदान में मर जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता, तुझे रन बनाने ही हैं। तू 15 ओवर तक खेल जा और आखिरी पांच ओवर में मुझे 100 रन भी बनाने पड़े तो मैं बना दूंगा। ये उनका आत्मविश्वास है।

सबको दिया मौका

धौनी ने हर युवा खिलाड़ी को मौका दिया। उन्होंने पीयूष चावला को खिलाया। रोहित, विराट और अजिंक्य को निचले क्रम से ऊपर लाया। हार्दिक पांड्या और रिषभ पंत तक को समर्थन दिया। उनके अंदर युवाओं को चमकाने की क्षमता है। वह कप्तान तो अच्छा है ही, वह इंसान बहुत अच्छा है। आप ये सोचो एक छोटे शहर से बंदा आता है, 100 करोड़, 200 करोड़ कमाता है, लेकिन उसमें जरा सा भी घमंड नहीं। उसमें पैसे का अहंकार है ही नहीं। हम लोग कुछ भी कर सकते हैं, झाड़ू भी लगा सकते हैं क्योंकि हॉस्टल में हमने ये सब किया है। प्यार के अलावा परिवार और दोस्तों के अलावा जिंदगी में कुछ नहीं है।

आत्मविश्वास से भरा इंसान

माही के फैसले इसलिए हमेशा सफल होते हैं क्योंकि वह आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उन्हें विकेट के पीछे से सब पता होता है। चाहे डीआरएस लेना हो या विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में अश्विन को खिलाया या उसके बाद आशीष नेहरा को लगाना हो। वह 2011 विश्व फाइनल में आया और ऊपरी क्रम में उतरकर फाइनल जीताकर चला गया।

फुल फॉर्म में थे धौनी

हम लोग जब भी मिलते हैं तो घर परिवार की बात करते हैं। जब टीम इंडिया में साथ होते थे तो अलग ही नियम होते थे, लेकिन सीएसके के समय अलग ही माहौल होता था। इस साल भी जब सीएसके का कैंप लगा था तो वह फुल फॉर्म में नजर आ रहे थे। हम लोग तीन-तीन घंटे बल्लेबाजी कर रहे थे। इस बार आइपीएल होता, हमारी टीम ही 200 छक्के लगाती।

उसको जब लगेगा बल्ला टांग देगा

लोग धौनी के संन्यास की बातें पता नहीं क्यों करते हैं। मैंने उन्हें कुछ महीने पहले ही अभ्यास सत्र में बल्लेबाजी करते हुए देखा है। वह खेलना चाहता है। उसका कोई विकल्प नहीं है। जब सचिन 40 साल तक खेल सकते हैं तो धौनी क्यों नहीं। उससे कोई सवाल मत करो, वह एक दिन खुद आएगा और बैट टांग देगा और बोल देगा कि जय श्रीराम। एक खिलाड़ी, दोस्त के नाते मुझे लगता है कि उसके अंदर काफी क्रिकेट बचा है। अगर उसको लगता है कि वह टी-20 खेलना चाहता है तो वह खेलेगा। आपको ऐसे घुमा-घुमाकर हेलीकॉप्टर शॉट दिखाएगा कि मजा आ जाएगा।

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