37 C
New Delhi
Sunday, April 20, 2025

IPL Mega Auction से पहले फ्रेंचाइजियों की बैठक होने वाली है, बड़ी नीलामी इतनी जल्दी न हो

नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025)से पहले मेगा ऑक्शन होना है। इसे लेकर अगले हफ्ते भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI)के साथ फ्रेंचाइजियों की बैठक होने वाली है। इस बैठक से पहले कुछ महत्वपूर्ण सुझाव फ्रेंचाइजियों ने 2025 की नीलामी से पहले प्लेयर रिटेंशन पर फीडबैक सेशन के दौरान आईपीएल अधिकारियों के साथ शेयर किए हैं। इनकी मांग है कि पांच साल में केवल एक बार मेगा ऑक्शन हो। चार से छह खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति दें। प्रत्येक फ्रेंचाइजी को आठ राइट-टू-मैच (RTM) विकल्प दें।

ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार एक फ्रेंचाइजी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीन साल के बजाय हर पांच साल में मेगा ऑक्शन होने के एक से अधिक फायदे हैं। मेगा ऑक्शन के बीच लंबा अंतराल टीमों को युवा खिलाड़ियों, विशेष रूप से अनकैप्ड भारतीयों को विकसित करने में मदद करेगा। 2008 में पहले आईपीएल सीजन से ही मौजूद फ्रेंचाइजियों ने इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा निवेश किया है। जमीनी स्तर पर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खोजने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए एकेडमी बनाई गई हैं। हर पांच साल में एक मेगा ऑक्शन टीमों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जबकि तीन साल के साइकल में एक खिलाड़ी को जल्दी खोने का जोखिम होता है, जिसे उन्होंने प्रतिद्वंद्वी फ्रैंचाइजी के लिए तैयार किया है।

पिछले दशक में दो बार मेगा ऑक्शन के बीच चार साल का अंतर रहा। 2014 के बाद 2018 में ऑक्शन हुआ था। तभी चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स दो साल के निलंबन के बाद लौटी थीं। कोविड-19 महामारी ने 2021 की मेगा ऑक्शन को एक साल के लिए टाल दिया। दोनों मौकों पर फ्रेंचाइजियों ने अपने खिलाड़ियों के अनुबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया।

इसी सुझाव के तहत, फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा कि टीमों को दो मेगा ऑक्शन के बीच वेतन पर फिर से बातचीत करने के लिए अपने खिलाड़ियों के साथ सीधे संपर्क करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए। इससे टीमों को न केवल मुख्य खिलाड़ियों को रिटेन करने में मदद मिलेगी,बल्कि पिछली नीलामी में बेस या कम कीमत पर खरीदे गए खिलाड़ियों को बेहतर रकम मिलने में भी मदद मिलेगी। बातचीत पारदर्शी हो और आईपीएल को नया अनुबंध घोषित किया जाए। अधिकारी चाहते हैं कि फ्रेंचाइजी के पास ऐसा करने का पावर हो और खिलाड़ी को रिलीज होने का विकल्प न मिले।

एक अन्य फ्रेंचाइजी के सीईओ ने कहा कि टीमों को एक बड़े खिलाड़ी, संभवतः कप्तान को रिटेन रखने की अनुमति दी जाए। बाकी के लिए आरटीएम के माध्यम से ऐसा किया जाता था। इस तरह के दृष्टिकोण से बाजार को खिलाड़ी की कीमत निर्धारित करने का मौका मिलेगी। खिलाड़ी को रकम को लेकर निराशा नहीं होगी।

2018 के मेगा ऑकशन में रिटेंशन और आरटीएम दोनों था। तब अधिकतम पांच खिलाड़ियों को रिटेन जा सकता था। पांच में से,ऑक्शन से पहले अधिकतम तीन खिलाड़ियों को रिटेन जा सकता था। नीलामी के दौरान आरटीएम विकलप के माध्यम से एक टीम तीन को वापस खरीद सकती थी। यदि कोई फ्रेंचाइजी ऑकश्न से पहले किसी भी खिलाड़ी को रिटेन नहीं रखती है, तो भी उसके पास नीलामी में केवल तीन आरटीएम विकल्प होंगे। एक आरटीएम विकल्प फ्रेंचाइजी को खिलाड़ी के लिए बोली समाप्त होने के बाद उस कीमत पर अपने खिलाड़ी को वापस खरीदने का मौका देता है।

कुछ फ्रेंचाइजी इस तरह के संयोजन का समर्थन करती हैं। एक टीम अधिकारी ने कहा कि अगर आरटीएम विकल्प के माध्यम से खरीदे गए खिलाड़ी के लिए ज्यादा बोली लगती है तो नीलामी से पहले रिटेन किए गए खिलाड़ियों में असंतोष पैदा होने की संभावना है। 2022 की मेगा ऑक्शन में, जब गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जायंट्स ने आईपीएल में प्रवेश किया तो आठ अन्य टीमों को चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति दी गई। तीन भारतीय और एक विदेशी या दो भारतीय और दो विदेशी के रिटेन किया जा सकता था। तीन साल पहले आरटीएम विकल्प उपलब्ध नहीं थे क्योंकि आईपीएल चाहता था कि टाइटंस और सुपर जायंट्स के पास चुनने के लिए खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल हो।

कई खिलाड़ी खासकर अनकैप्ड कम कीमत पर खरीदे गए थे। पिछली नीलामी के बाद से वे भारत के लिए खेल चुके हैं या मैच जिताने वाले बन गए हैं। वे रिटेन किए जाने के बजाय नीलामी में वापस जाना चाह सकते हैं ताकि उन्हें अधिक कीमत मिल सके। यह खिलाड़ी के लिए उचित लगता है, लेकिन उस फ्रेंचाइजी के लिए ऐसा नहीं हो सकता है। खासकर उस फ्रेंचाइजी के लिए जिसने खिलाड़ी को देखा और विकसित किया।

आईपीएल की एक फ्रेंचाइजी ने समाधान दिया है कि आठ आरटीएम विकल्प हों और कोई रिटेंशन न हो। इस विचार को अन्य फ्रेंचाइजियों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ फ्रेंचाइजी बड़े खिलाड़ियों को नीलामी में नहीं उतारना चाहती हैं। यह भी चिंता है कि प्रतिद्वंद्वी टीमें नीलामी की रणनीति को बाधित करने के लिए कीमतें बढ़ा देंगी।

आईपीएल और फ्रैंचाइजी के बीच होने वाली आगामी बैठक में टीम अधिकारियों को उम्मीद है कि सभी विचारों पर आगे चर्चा की जाएगी। वे इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर भी चर्चा कर सकते हैं, जिस पर टीमों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है, 2025 की नीलामी के लिए पर्स और शायद रिटेन किए गए खिलाड़ियों के लिए सैलरी कैप कटौती पर भी चर्चा हो सकती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

15,780FansLike
2,290FollowersFollow
5,445SubscribersSubscribe

Latest Articles