विश्व कप, ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान भारत को हराकर जीता और अब तक 6 बार ये खिताब जीत कर वे अन्य सभी टीम से बहुत आगे निकल गए हैं। क्रिकेट की विश्व संस्था आईसीसी के अनुसार विश्व कप 2023 के दौरान रिकॉर्ड 12.5 लाख (कुल 1,250,307) दर्शकों ने स्टेडियम में मैच देखे और ये इस बड़े आयोजन के लिए, दर्शकों की गिनती का एक नया रिकॉर्ड है- ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2015 विश्व कप में बना 10.16 लाख (कुल 1,016,420) दर्शक का पिछला रिकॉर्ड अब टूट चुका है। ये तो तब है जबकि शुरुआती मैचों में स्टेडियम में कई खाली सीट का मसला खूब चर्चा में रहा। महत्व इस गिनती का तो है ही- ये गिनती इस बात का सबूत भी है कि विश्व कप 2023 का आयोजन कितना सफल रहा? इंग्लैंड और वेल्स में 2019 विश्व कप को 752,000 दर्शकों ने देखा था।
विश्व कप एकदिवसीय के लिए एक लाइफ लाइन
इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि ये विश्व कप ऐसे दौर में खेला जबकि एकदिवसीय खेलने पर ही सवालिया निशान लगा हुआ है और ये भी डर था कि शायद 50 ओवर क्रिकेट का आखिऱी विश्व कप देख रहे हैं। उस नजरिए से ये विश्व कप एकदिवसीय के लिए एक लाइफ लाइन बन कर आया।
सिर्फ दर्शकों की गिनती ही रिकॉर्ड नहीं रही- टूर्नामेंट ने कई ब्रॉडकास्ट और डिजिटल दर्शकों की गिनती के रिकॉर्ड भी तोड़ दिए हैं। इस तरह यह एक ऐसा आयोजन रहा है जिसने न सिर्फ मनोरंजन किया, विश्व स्तर पर क्रिकेट चाहने वालों को एकदिवसीय न रोकने की मुहिम में भी इकठ्ठा किया। अकेले भारत- ऑस्ट्रेलिया रोमांचक फाइनल के दौरान ही स्टेडियम में 90,000 से ज्यादा दर्शक मौजूद थे नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में।
अगर दर्शक स्टेडियम आए और वह भी उस दौर में जबकि स्टेडियम में मैच देखना लगातार कम होता जा रहा है- ये इस बात का सबूत है कि बेहतर और रोमांचक क्रिकेट खेली गई मैचों में।भारत में खेले 2023 विश्व कप को एक ऐसे टूर्नामेंट के तौर पर देखा गया जो जो एकदिवसीय क्रिकेट को उसके मौजूदा संकट से निकाल सकता है। टूर्नामेंट ने धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ी और देश भर में खेले गए मैचों में भीड़ उमडऩे लगी हालांकि हर मैच भारत ने नहीं खेला।
मैचों का रोमांच कमाल का
अफगानिस्तान ने पिछले तीन विश्व कप चैंपियन को हराया। क्वालीफायर में 2 बार के चैंपियन वेस्टइंडीज को नीदरलैंड, स्कॉटलैंड और जिम्बाब्वे ने हराया था। ऐसे रिकॉर्ड बनेंगे ये तो किसी ने सोचा भी न था। भारत ने भले ही खिताब न जीता पर यह वह टीम थी जो ग्राउंड में और ग्राउंड के बाहर सबसे ज्यादा चर्चा में रही। लगातार 10 मैच जीतना किसी आश्चर्यजनक उपलब्धि से कम नहीं- आश्चर्यजनक तो ये रहा कि इस फार्म के बावजूद भारत ने खिताब न जीता।
एक और मजेदार बात ये है कि विश्व कप के बीच एक और टूर्नामेंट भी खेला जा रहा था- टॉप 8 टीम में रहने का। आईसीसी ने विश्व कप शुरू होते ही सभी को याद दिलाया कि इस विश्व कप की टॉप 8 टीम सीधे अगली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई करेंगी। इनमें से अगर मेजबान पाकिस्तान को गिनती से हटा दें तो 7 टीम का नाम इसी विश्व कप के प्रदर्शन से सामने आना था- इस तरह एक मुकाबला शुरू हो गया टॉप 8 में बने रहने का।
बहुत कुछ ख़ास भी विश्व कप के आखिरी दिनों में देखने को मिला
न्यूजीलैंड के विरुद्ध मैच में 400 से ज्यादा रन देने के बावजूद पाकिस्तान की टीम जीत गई, 2019 के चैंपियन इंग्लैंड इस बार बिना किसी ख़ास मुकाबले के बाहर हो गए, विराट कोहली ने अपने जन्मदिन पर एकदिवसीय में सबसे ज्यादा शतक के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी की, एंजेलो मैथ्यूज ऐसे पहले खिलाड़ी बने जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टाइम आउट हुए और ग्लेन मैक्सवेल ने एक ऐसा दोहरा शतक बनाया जिसे एकदिवसीय की सबसे अद्भुत पारी में से एक गिन रहे हैं।
कई और भी ख़ास बातें देखने को मिलीं। 1992 और 2019 के दोनों विश्व कप भी लीग फॉर्मेट में खेले थे और उन दोनों टूर्नामेंटों में कप जीतने वाली टीम वह थी जो 3 लीग मैच हार गई थी। इस बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने 2 मैच हारे। सबसे ख़ास बात ये कि न्यूजीलैंड की टीम 4 मैच हारकर भी सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर गई यानि कि जब नॉक आउट राउंड शुरू हुआ तो वे भी विश्व कप को जीतने के उतने ही दावेदार थे जितना कि अन्य कोई भी टीम। विश्व कप में ये भी पहली बार हुआ कि टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी टीम ने कम से कम 2 मैच जीते। 2019 चैंपियन इंग्लैंड इस लिस्ट में शामिल होने वाली आखिरी टीम थी।
अद्भुत संयोग का विश्व कप
ये मानना पड़ेगा कि विश्व कप के बीच में ही ऐसा लग रहा था कि भारत, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया बाकी टीम से आगे निकल जाएंगे और सेमीफाइनल खेलेंगे। हालांकि, कुछ उलटफेर हुए और कुछ रोमांचक व्यक्तिगत प्रदर्शनों ने टूर्नामेंट में मसाला डाल दिया पर आखिऱी रिकॉर्ड यही रहा। फिर भी रोमांच बना रहा और लीग राउंड के आखिरी हफ्ते के शुरू होने से पहले, सेमीफाइनल की दौड़ में 2 जगह अभी भी खाली थीं। अफगानिस्तान भी दावेदार था पर ग्लेन मैक्सवेल ने एकदिवसीय में सबसे अद्भुत पारी खेली, नाबाद 201 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट पर 91 रन से उबरने में मदद की। उधर पुणे में इंग्लैंड ने नीदरलैंड्स को 160 रन से हराया बेन स्टोक्स के शतक के दम पर और 7वें नंबर पर पहुंच गए और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने की अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा।
यह ऐसा पहला विश्व कप है जिसमें सेमीफाइनल टीम वही थीं जो पिछले किसी भी विश्व कप में देख चुके थे। 2015 में भी यही 4 टीम मुकाबले पर थीं।
पिछले चैंपियन के हारकर बाहर होने का रिकॉर्ड और आगे बढ़ा
1983- वेस्टइंडीज 1987- भारत, 1992- ऑस्ट्रेलिया, 1996- पाकिस्तान , 1999- श्रीलंका, 2011- ऑस्ट्रेलिया, 2015- भारत, 2019- ऑस्ट्रेलिया और अब 2023- इंग्लैंड अपने खि़ताब का बचाव करने में नाकामयाब रहे। एक बड़ी अद्भुत बात ये रही कि 48 मैच में से एक भी ऐसा मैच देखने को नहीं मिला जिसमें पूरे 100 ओवर फेंके गए हों। इस बार टॉस खूब चर्चा में रहे- अब तक कहते थे टॉस जीतने से टीम फायदे में रहती है पर इस बार तो लगभग 40त्न मैच ही टॉस जीतने वाली टीम ने जीते।
भारत का विश्व कप पर प्रभुत्व
- सर्वाधिक मैच जीतने वाली टीम : भारत (10)
- सर्वाधिक रन : कोहली (765), रोहित शर्मा (597)
- सर्वाधिक छक्के : रोहित शर्मा (31), श्रेयस अय्यर (24)
- सर्वाधिक विकेट : मोहम्मद शमी (24)
- सर्वश्रेष्ठ आंकड़े : मोहम्मद शमी (7/57)
- सर्वाधिक 5 विकेट : मोहम्मद शमी (3)
- सर्वाधिक मेडन : जसप्रीत बुमराह (9)
- भारत सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम
- भारत फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम
विदेशी मीडिया में भारत के आयोजन के बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा है पर विश्व कप वास्तव में एक बड़ी सफलता रहा- अद्भुत क्रिकेट और एक बड़ा देश होने के बावजूद आयोजन में कोई गलती नहीं। विदेशी मीडिया हर मोड़ पर भ्रष्टाचार या साजिश की ख़बरों की तलाश में रहा। तब भी धर्मशाला में खराब आउटफील्ड की कहानियां, दिल्ली में वायु प्रदूषण और वानखेड़े में पिच जैसे मसले खूब उछले पर सच ये है कि इनमें से कुछ भी साजिश नहीं था। ये सब खेल और पूरी साल में फ़ैल चुके क्रिकेट कैलेंडर का हिस्सा है।
देखना है तो ये देखो कि इस पूरे टूर्नामेंट में भारत ने एक टीम या एक मेजबान के तौर पर क्रिकेट को क्या दिया? एक अद्भुत रिकॉर्ड/इतिहास को किसी ने भी नोट नहीं किया- ब्रिटेन में विश्व कप के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर स्काई स्पोट्र्स ने यूके टेलीविजन पर इतिहास रचा और क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल और फाइनल दोनों के लिए हिंदी कमेंट्री भी पेश की। अपना हिंदी फ़ीड साझा करने के लिए स्टार स्पोट्र्स के साथ एक समझौता किया और मुंबई में मेजबान भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल और कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे सेमीफाइनल स्काई स्पोट्र्स एरेना पर दिखाए गए। अहमदाबाद में फाइनल स्काई स्पोट्र्स मिक्स पर हिंदी में भी ब्रॉडकास्ट हुआ। यह पहली बार हुआ जब यूके और आयरलैंड के क्रिकेट प्रेमी स्काई स्पोट्र्स पर हिंदी में क्रिकेट कमेंट्री सुन सके।
मुंबई में भारत का सेमीफाइनल वानखेड़े स्टेडियम के अंदर और बाहर एक बड़ी घटना था। वीवीआईपी स्टैंड में डेविड बेकहम भी थे- एक ऐसा खेल देख रहे थे जिसमें उन्होंने पहले कभी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। प्रेस बॉक्स में अजीब नजारा था- सभी ने जोर-जोर से भारतीय राष्ट्रगान गाया, जब विराट कोहली ने अपना शतक पूरा किया तो जमकर तालियां बजाईं और मजेदार बात ये कि प्रेस सीटों पर ऐसे लोग भी बैठे थे जिनके चेहरे पर रंग से बना था भारतीय झंडा। ऐसा नजारा पहले किसी विश्व कप में नहीं देखा था। फाइनल में खुद पीएम मोदी की मौजूदगी, एयर-शो, भव्य समारोह ये सभी भारत की प्रगति और पूरी दुनिया में खास जगह के प्रतीक थे।
कुल मिलाकर खेले गए 48 मैचों में औसत उपस्थिति लगभग 26,000 थी- इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में कई स्टेडियम में इतनी सीट भी नहीं हैं। ये क्रिकेट का भव्य आयोजन था। – चरनपाल सिंह सोबती